राजस्थान विश्वविद्यालय में २००८ में सेंटर शुरू हुआ तब १२१ विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था। शुरुआती ५ साल में विद्यार्थियों की संख्या अच्छी रही और सीटें फुल रहीं। इस दौरान कई बार १५० तक पहुंची यह संख्या २०१३ के बाद लगातार घटती गई। हालांकि इस साल एडमिशन में सुधार हुआ परन्तु प्रवेश का आंकड़ा ३० तक भी नहीं पहुंच पाया।
यह है कारण
(a) विशेषज्ञ शिक्षकों के बिना बीटेक – एमटेक की पढ़ाई।
(b) एक भी पूर्णकालिक शिक्षक नहीं।
(c) स्ववित्त पोषित कोर्स होने से कारण भारी फीस।
(d) फिजिक्स – कैमिस्ट्री – बॉटनी के एमएससी व पीएचडी शिक्षक दे रहे तकनीक का ज्ञान।
(e) गेस्ट फैकल्टी के भरोसे सेंटर।