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कर्नाटक सरकार का फैसला गलत याचिकाकर्ता एस वी सिंगरे गौड़ा ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर जूझ रहे हैं और ऑनलाइन कक्षाओं में विषय को समझना बेहद असंभव है। फिर ऑनलाइन कक्षाएं केवल कुछ संस्थानों ने संचालित की है। कर्नाटक और उसके आसपास विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। कुछ क्षेत्रों में एक भी कक्षा आयोजित नहीं की गई है। इसलिए, इन परिस्थितियों में एसएसएलसी के लिए परीक्षाओं का आयोजन का फैसला ही गलत है। इसलिए हाईकोर्ट कर्नाटक सरकार और शिक्षा विभाग को तत्काल परीक्षाएं रोकने का आदेश दे। इसलिए रद्द हो एसएसएलसी परीक्षा याचिका में यह भी बताया गया है कि कोविड—19 के दौरान बच्चों और माता-पिता ने भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक पीड़ा झेली है। इसमें यहां तक कहा गया है कि राज्य में पीयूसी परीक्षा रद्द कर दी गई है। अन्य बोर्डों का उदाहरण देते हुए याचिका में कारणों का हवाला दिया गया है कि क्यों कर्नाटक एसएसएलसी परीक्षा 2021 को रद्द कर दिया जाना चाहिए। साथ ही याची ने इस बात का भी जिक्र किया है कि परीक्षा होने की स्थिति में छात्रों की जान खतरा है। एसएसएलसी परीक्षा 2021 को रद्द की जाए और सभी एसएसएलसी छात्रों को पास करने के लिए भी कहा जाए।
बता दें कि कर्नाटक एसएसएलसी परीक्षा 2021 19 जुलाई से 22 जुलाई 2021 के बीच होनी है। इस वर्ष लगभग 8 लाख छात्रों ने इन परीक्षाओं में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराया है।
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