परीक्षा एक पड़ाव है पीएम मोदी के सामने सबसे पहला सवाल परीक्षा से संबंधित था। इस पर कुछ बच्चों ने पूछा कि सालभर पढ़ने के बाद अंत में परीक्षा के समय डर लगता है।
इस पर पीएम मोदी ने कहा कि आज के अभिभावक अपने बच्चों के साथ इन्वाल्व नहीं हैं। वे बच्चों की कमियों को जानने की कोशिश नहीं करते हैं। वे सिर्फ उनके करियर पर ही फोकस कर रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों की खूबियों को पहचानने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि जीवन बेहद लंबा है। परीक्षा एक पड़ाव है। एक मौका है। एक अवसर है। हम अपने आपको साबित कर सकते हैं।
बच्चों के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत पीएम मोदी ने अभिभावकों से कहा कि बच्चों पर दबाव बनाने की जरूरत नहीं है। उन्हें घर में सही माहौल बनाने की आवश्यकता है। परीक्षा सिर्फ एक मौका। बच्चों के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है। इससे उन्हें आगे बढ़ने का साहस मिल सकेगा।
जिंदगी जीने के लिए एक उत्तम अवसर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एग्जाम के लिए एक कसौटी शब्द है। जिसका मतलब खुद को कसना और तैयार करना है। एग्जाम एक तरह से जिंदगी जीने के लिए एक उत्तम अवसर की तरह है। पीएम मोदी ने अपना अनुभव साझा कर कहा कि वे खुद सुबह उठते ही कठिन चीजों से मुकाबला करने निकलते हैं।
कठिन कामों को पहले करते हैं पीएम मोदी ने कहा बच्चों से कि कुछ चीजें हमें अच्छी लगती है और कुछ बिल्कुल नहीं। मगर इसका मतलब ये नहीं है कि कठिन चीजों को छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को हर विषय को सामान समय देना चाहिए, बल्कि कठिन विषयों से घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि वे हमेशा कठिन कामों को पहले करते हैं।
एक सवाल के जवाब में पीएम ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने खाली समय को ऐसे काम पर लगाना चाहिए। जिससे उनका ज्ञान और बढ़ें। वे नहीं चीजें सीखें। इसके साथ क्रिएटिविटी को आगे लाना चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले दिनों पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जल्द वे छात्र,अभिभावकों और शिक्षकों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी साल 2018 से बोर्ड परीक्षाओं से पहले छात्रों से चर्चा कर रहे हैं।
परीक्षा पे चर्चा से पीएम मोदी ने कोरोना काल में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्रों का डर दूर करने की कोशिश की है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण ऑफलाइन क्लासेज नहीं हो पाई हैं। ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज से ही एग्जाम की तैयारी करनी पड़ी है।