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मध्यावधि परीक्षाओं में प्राप्तांकों के आधार पर सीट बुकिंग को लेकर अभिभावक चिंतित

आरोप है कि एसएसएलसी परीक्षाओं SSLC EXAM के सभी प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लीक हो गए थे। इसके कारण कई निजी पीयू कॉलेजों ने परीक्षा के दूसरे दिन से खुद के प्रश्नपत्रों के आधार पर परीक्षा ली और कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (केएसइएबी) की ओर से तैयार किए गए प्रश्न पत्रों को खारिज कर दिया।

बैंगलोरOct 14, 2024 / 06:08 pm

Nikhil Kumar

-पीयू कॉलेजों पर लगे गंभीर आरोप

-एसएसएलसी मध्यावधि परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक ने बढ़ाई मुश्किल

Bengaluru के कई प्रतिष्ठित प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) कॉलेजों ने कथित तौर पर एसएसएलसी (10वीं) मिड-टर्म (मध्यावधि) परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर सीट बुकिंग शुरू कर दी है। अभिभावकों के अनुसार वे अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
इनका आरोप है कि एसएसएलसी परीक्षाओं SSLC EXAM के सभी प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लीक हो गए थे। इसके कारण कई निजी पीयू कॉलेजों ने परीक्षा के दूसरे दिन से खुद के प्रश्नपत्रों के आधार पर परीक्षा ली और कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (केएसइएबी) की ओर से तैयार किए गए प्रश्न पत्रों को खारिज कर दिया। ऐसे में केएसइएबी के प्रश्न पत्रों के आधार पर परीक्षा देने वाले छात्रों को ज्यादा अंक मिल सकते हैं। अन्य छात्रों को शीर्ष कॉलेजों में अपनी सीटें खोने का जोखिम उठाना पड़ सकता है।
लीक रोकने में विफल

अभिभावकों के आरोपों के अनुसार प्रत्येक परीक्षा से चार से पांच घंटे पहले प्रश्न पत्र सोशल मीडिया Social Media प्लेटफॉर्म पर लीक हो जाते थे। छात्र इन लीक Paper Leak हुए पेपर को रोजाना देख पाते थे, जिससे वे स्कूल पहुंचकर आसानी से अपने उत्तर तैयार कर पाते थे। मामला सामने आने के बावजूद केएसइएबी प्रश्नपत्र लीक रोकने में विफल रहा।
कृत्रिम मांग

एक अभिभावक ने कहा, कुछ प्रतिष्ठित पीयू कॉलेजों ने एसएसएलसी वार्षिक परीक्षा शुरू होने से पहले ही सीटें ब्लॉक करके कथित तौर पर कृत्रिम मांग पैदा कर दी है। वे मध्य-वर्ष की परीक्षाओं में प्राप्त अंकों को बेंचमार्क के रूप में उपयोग कर रहे हैं। यह स्थिति एक चुनौती बन गई है क्योंकि बोर्ड की परीक्षा का सामना करने वाले छात्रों के बेहतर अंक आने की संभावना है जबकि स्कूल द्वारा प्रशासित परीक्षाओं में बैठने वालों को कम अंक मिल सकते हैं। माता-पिता इस परिदृश्य को लेकर चिंतित हैं।
बोर्ड के प्रश्न पत्रों का उपयोग बंद

कर्नाटक एसोसिएशन ऑफ मैनेजमेंट ऑफ प्राइमरी एंड सेकेंडरी स्कूल्स (केएएमएस) के महासचिव डी. शशिकुमार ने बताया कि केएसइएबी ने इस वर्ष पहली बार बोर्ड स्तर पर मध्यावधि परीक्षा आयोजित की। 24 से 30 सितंबर तक आयोजित परीक्षाओं में लगभग आठ लाख छात्र शामिल हुए। प्रश्न पत्र ऑनलाइन वितरित किए गए।
कई निजी स्कूलों ने बोर्ड स्तर की परीक्षाओं का विरोध किया। फिर भी, बोर्ड ने परीक्षाएं जारी रखीं। प्रश्नपत्र लीक और इससे उत्पन्न स्थिति से निराश होकर, कुछ निजी स्कूल प्रबंधन ने परीक्षा के दूसरे दिन से बोर्ड के प्रश्न पत्रों का उपयोग करना बंद कर दिया। स्कूल लीक हुए प्रश्नपत्रों के आधार पर परीक्षा आयोजित नहीं करना चाहते थे।
पेपर लीक के मद्देनजर बोर्ड ने प्रश्न पत्र वितरित करने का समय कम किया। एक दिन पहले भेजने के बजाय प्रश्न पत्र परीक्षा प्रारंभ होने के चार घंटे पहले भेजे गए। लीक के बारे में दावणगेरे और अनेकल के पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन अभी तक किसी भी अपराधी की पहचान नहीं हो पाई है। प्रश्नपत्र लीक की खबरें सामने आने के बावजूद बोर्ड ने कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की।
स्कूल ऐसा नहीं कर सकते

बोर्ड द्वारा प्रश्नपत्र तैयार करने के बाद, सभी राज्य पाठ्यक्रम स्कूलों को उसका पालन करना होगा। स्कूल अपनी पसंदीदा पद्धति के आधार पर परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते। मैं इस मामले की जांच करूंगी और आवश्यक कार्रवाई करूंगी।– एन. मंजूश्री, अध्यक्ष, केएसइएबी

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