मूलरूप से गंगेट गांव निवासी एवं विदेश में रहने वाले १७ एनआरआई परिवार रोजाना एक-एक डॉलर स्कूल के खाते में जमा कराते हैं। जिसके चलते रोजाना १७ डॉलर जमा होते हैं। इस तरह हर वर्ष करीब ४ लाख ५० हजार रुपए से अधिक का दान मिलता है। इससे स्कूल की दशा व दिशा बदल गई है।
स्कूल के शिक्षक हिरेनभाई मेवाड़ा के अनुसार विदेश में जाकर लोग अपने संबंधियों को भूल जाते हैं, लेकिन गंगेट गांव के १७ एनआरआई परिवारों ने विदेशों में रहकर भी वतन का ऋण चुकाने का अच्छा संदेश दिया है। यदि इसी तरह सभी एनआरआई रोजाना सिर्फ एक डॉलर अपने गांव में शिक्षा व अन्य सेवाओं के लिए दें तो प्रत्येक गांव गांव की दशा बदल जाएगी। गांव के बालकों को निजी स्कूल का रुख नहीं करना पड़ेगा।
स्कूल में कम्प्यूटर लेब, स्मार्ट क्लास रूम, फुल फर्नीचर लायब्रेरी, योगशाला, ऑनलाइन प्रोजेक्ट के लिए आठ एलईडी, खेल-कूद के लिए बच्चों को हर वर्ष एक हजार रुपए की सहायता भी। आगामी प्रोजेक्ट में स्कूल में गार्डन बनाया जाएगा।