राज्यों को देनी होगी यह रिपोर्ट
एनसीटीई ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में पूछे जाने प्रश्नों के पैटर्न और उसमें शामिल परीक्षार्थियों की जानकारी मांगी है। साथ ही सफल हुए अभ्यर्थियों की संख्या सहित अन्य जानकारी भी दर्ज करनी होगी। नई शिक्षा नीति में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम पर जोर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत अब माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में रिक्त पदों पर होने वाली भर्तियों में भी नियुक्ति के लिए भी पात्रता परीक्षा पास करनी होगी।
स्कूली शिक्षा नियमावली
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के तहत एनसीटीई द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर जरुरी निर्देश भी जारी किए जाएंगे। इसके बाद राज्यों को स्कूली शिक्षा के नियमों में भी बदलाव करना होगा। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में एनसीटीई की गाइडलाइन को फॉलो करना अनिवार्य होता है।
वर्तमान में इन नियमों से होती है शिक्षक भर्ती
साल 2010 से ही तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती में शिक्षक पात्रता परीक्षा को लागू किया गया है। कुछ राज्यों में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन बहुत कम बार किया गया है। झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन वर्ष 2012 और 2015 में ही किया गया है। एनसीटीई की गाइडलाइन के मुताबिक, यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष आयोजित होनी है। राजस्थान में भी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए ‘रीट’ पास करना जरुरी होता है।
अक्टूबर 2020 में हुए थे ये बदलाव
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) और अन्य राज्यों द्वारा आयोजित की जाने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षाओं (TET) के संबंध में अहम फैसला लिया है। एनसीटीई ने CTET और देश के सभी स्टेट लेवल टीईटी से 7 साल की बाध्यता को खत्म कर दिया है। हाल में हुई एनसीटीई की 50वीं जनरल बॉडी मीटिंग में यह फैसला लिया गया है।जो उम्मीदवार अब से पहले टीईटी पास कर चुके हैं, जिनके पास टीईटी क्वालिफाइड सर्टिफिकेट है, उन पर यह प्रावधान लागू होगा या नहीं, इस संबंध में कानूनी राय लेने के बाद फैसला लिया जाएगा।
एनसीटीई ने अभी इस संबंध में कोई औपचारिक नोटिस या सर्कुलर जारी नहीं किया है। विभिन्न स्टेट लेवल टीईटी के लिए भी संबंधित राज्यों द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। वहीं, सीबीएसई (CBSE) भी आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द इस संबंध में घोषणा करेगी। आधिकारिक नोटिफिकेशन / सर्कुलर जारी होने के बाद ही एनसीटीई द्वारा किया गया यह बदलाव प्रभावी होगा।