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डीएमसी से मांगे सुझाव प्रदेश सरकार ने एमपी में स्कूल खोलने को लेकर आपदा प्रबंधन समितियों ( disaster management committees ) से भी सुझाव मंगें हैं। तीसरी लहर के अलर्ट के साथ ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल खोलने का खाका तैयार हो रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग विशेषज्ञों से स्कूल खोलने को लेकर सुझाव ले रहा है। सरकार जिला, विकास खंड और ग्राम स्तर पर गठित आपदा प्रबंधन समितियों से सलाह दे रही है। इसके अलावा शिशु रोग और बालरोग विशेषज्ञ, बच्चों के लिए काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं से भी सुझाव ले रहे है। पहली से लेकर 8वी और 9वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल बुलाने को लेकर अलग-अलग प्लान तैयार किया जा रहा है। सीमित संख्या में बच्चों को बुलाने की योजना कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच पहली से आठवीं तक के बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस से ही पढ़ाई होगी। छठवीं से आठवीं तक के बच्चों को 15दिन में तीन से चार दिन बुलाने या हफ्ते में सिर्फ एक या दो दिन स्कूल बुलाया जा सकता है। सीमित संख्या में बच्चों को क्लासेस में बुलाए जाएंगे। 9वी से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को एक-एक दिन छोड़कर स्कूल बुलाया जाएगा। क्लास के आधे स्टूडेंट्स एक दिन और आधे बच्चों को दूसरे दिन स्कूल बुलाया जाएगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में बीते डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं। स्कूलों में सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई ही बीते डेढ़ साल से हो रही है। स्कूल शिक्षा विभाग का मानना है कि बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए ऑनलाइन क्लास ज्यादा दिनों तक ठीक नहीं है। सुरक्षा उपायों के साथ स्कूल खोलना बहुत जरूरी है।
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