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कौशल विकास मंत्रालय ने देशभर के 449000 ITI सीटों को किया रद्द, पिछले 6 साल से खाली रह रही थी सीटें

MSDE: 17 जनवरी को जारी आदेश के अनुसार, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (DGT) ने 5,848 आईटीआई संस्थानों में 21,000 से अधिक ट्रेड्स/कोर्सों की सीटें रद्द कर दी है।

भारतJan 31, 2025 / 03:57 pm

Anurag Animesh

MSDE ITI

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MSDE: कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) की गुणवत्ता सुधारने और कौशल विकास में पारदर्शिता लाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने देशभर में लगभग 4.49 लाख आईटीआई सीटों की मान्यता रद्द कर दी है। इसके पीछे की वजह यह है कि ये सीटें 2018 से 2023 तक लगातार छह साल तक खाली थी ।
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ITI: क्यों हुई सीटें रद्द?


17 जनवरी को जारी आदेश के अनुसार, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (DGT) ने 5,848 आईटीआई संस्थानों में 21,000 से अधिक ट्रेड्स/कोर्सों की सीटें रद्द कर दी है। इसके साथ ही 415 आईटीआई संस्थानों को भी बंद कर दिया गया, क्योंकि वहां कोई छात्र एडमिशन नहीं ले रहे थे। राष्ट्रीय प्राथमिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, देश में करीब 15,000 आईटीआई संस्थानों में 27 लाख सीटें उपलब्ध थी। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह फैसला संसाधनों के बेहतर उपयोग और आईटीआई संस्थानों की गुणवत्ता सुधारने के लिए लिया गया है।
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MSDE: छह साल के डेटा पर लिया गया फैसला


मंत्रालय ने पिछले छह वर्षों के एडमिशन के आंकड़ों का विश्लेषण कर यह कदम उठाया है। मौजूदा नियमों के अनुसार, अगर किसी ट्रेड या कोर्स में दो साल तक कोई एडमिशन नहीं होता, तो उसे बंद किया जा सकता है। हालांकि, 2022 में DGT ने एक बार की छूट दी थी, लेकिन कई ट्रेड्स में लगातार छह वर्षों तक भी कोई एडमिशन नहीं हुआ। ऐसे में 2023 में सभी संबंधित संस्थानों को इस बारे में जानकारी दी गई और उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया। जिसके बाद जरुरी सीटों को रद्द कर दिया गया।
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ITI: ग्रेडिंग सिस्टम की हुई शुरुआत


मार्च 2023 में मंत्रालय ने “नई डेटा-आधारित वार्षिक ग्रेडिंग प्रणाली” की शुरुआत की। इसमें कुल 8 मापदंडों के आधार पर आईटीआई संस्थानों को 0 से 10 के बीच अंक दिए जाते हैं। इनमें से एडमिशन के 30% और पास होने के 30% सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। ऐसा अनुमान है कि इसके बाद आईटीआई संस्थानों में प्रवेश प्रतिशत 54.2% से बढ़कर 65.5% हो जाएगा। जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और बेहतर प्रदर्शन करने वाले आईटीआई को अधिक रेटिंग मिलेगी। यह फैसला आईटीआई के आधुनिकीकरण की नई राष्ट्रीय योजना के तहत लिया गया है।
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