बेंगलूरु.बेंगलूरु विश्वविद्यालय ने मंगलवार को अपना 59वां वार्षिक दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया। 31,383 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। अन्नपूर्णा एस. (एमएससी रसायन विज्ञान, ज्ञानभारती परिसर) और अनुराधा एम. (बीएससी) ने नौ-नौ स्वर्ण पदक हासिल कर सबको पीछे छोड़ दिया। इस वर्ष 113 छात्राओं सहित कुल 308 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। संगीत निर्देशक गुरु किरण और सामाजिक कार्यकर्ता के.एस. राजन्ना को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई।
मानवीय चेतना की जगह नहीं ले सकती तकनीकी चेतना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने दीक्षांत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक देश की आबादी 1.66 बिलियन पहुंच जाएगी। देश के पास राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौतियों के समाधान में सहयोग करने का शानदार अवसर है। आने वाले दशकों में भारतीय आबादी को प्रभावित करने वाली कुछ चुनौतियां हैं। युवाओं की बहुआयामी आकांक्षाओं में वृद्धि के कारण मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक तंदुरुस्ती को गंभीरता से लेना होगा। भविष्य में वृद्धावस्था देखभाल भी बड़ी चुनौती साबित होगी और इससे निपटने की दिशा में कदम बढ़ाना होगा। स्मार्ट प्रौद्योगिकी को मानवीय तत्वों के साथ संतुलित करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उन्होंने गेम चेंजर बताया और इसके महत्वपूर्ण घटकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मानवीय चेतना को तकनीकी चेतना द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एम. सी. सुधाकर और बीयू के कुलपति डॉ. जयकार शेट्टी एम. ने भी समारोह में हिस्सा लिया।