उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा क्षेत्र के नियमन में सुधार के लिए पिछले साल एक विधेयक सदन में लाई थी जिसमें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बनाकर एमसीआई का कामकाज उसे सौंपने का प्रावधान है। यह विधेयक अभी लोकसभा की एक समिति के पास लंबित है। इस बीच एमसीआई का कामकाज देख रही देखरेख समिति के सभी सदस्यों के एक साथ त्यागपत्र दे देने से सरकार को संचालन मंडल के गठन के लिए अध्यादेश लाना पड़ा। अब अध्यादेश के स्थान पर यह विधेयक लाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने इस विधेयक के बारे में संसदीय समिति का हवाला दिया और कहा कि समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में चिकित्सा शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए इसमें सुधार आवश्यक है। समिति ने कहा है कि सरकार को अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुये चिकित्सा शिक्षा में सुधार लाने की पहल करनी होगी और चिकित्सा नियमन को ठीक करना होगा। उन्होंने कहा कि संसदीय समिति ने जो भी मुद्दे उठाए हैं, चिकित्सा शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए उनको इस विधेयक में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा परिषद में देश के प्रमुख चिकित्सकों और अग्रणी संस्थाओं के प्रतिष्ठित लोगों को शामिल किया गया है ताकि इस क्षेत्र में पढ़ाई को और बेहतर बनाया जा सके।