कम सीट के कारण छात्र चुनते हैं विदेश का कॉलेज (MBBS From Abroad)
बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ साइंस की ये डिग्री डॉक्टर बनने की तरफ पहला कदम है। इसे विदेश से भी पूरा किया जा सकता है। भारत में हर साल प्रवेश परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या और सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों में उपलब्ध सीटों की संख्या में काफी अंतर होता है। ऐसे में कई छात्र हैं जो ठीक-ठाक मार्क्स रहने के बाद भी भारत के कॉलेज से पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। ऐसे छात्र विदेशों की डिग्री लेते हैं। हालांकि, कई बार विदेश से पढ़ने का कारण कुछ और भी हो सकता है। लेकिन आम तौर पर यही कारण होता है। यह भी पढ़ें
Education Hub बन रहा है जयपुर का मानसरोवर, बढ़ते स्कूल-कोचिंग के कारण स्थानीय लोगों की हो रही है खूब कमाई
अन्य वजह ये हैं
- कम खर्च
- अच्छी एजुकेशनल फैसिलिटीज
- रिसर्च और प्रैक्टिस का बढ़िया माहौल
- बढ़िया एजुकेशन और अच्छा नेटवर्क