एडमिशन प्रोसेस के बीच में ही हुआ नियमों में बदलाव (NRI Quota)
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक याचिका में कहा गया था कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी और हेल्थ साइंसेज ने यूटी चंडीगढ़ और पंजाब राज्य की ओर से मेडिकल यूजी कोर्सेज में एडमिशन के लिए प्रोसपेक्टस जारी किया था। इस प्रोसपेक्टस में यूजी कोटा की अंतिम तिथि 16 और पंजाब राज्य के लिए 15 अगस्त बताई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ताओं ने कहा कि फॉर्म सबमिट के बाद 20 अगस्त को राज्य सरकार ने गैरकानूनी तरीके से दाखिला प्रक्रिया के बीच में ही NRI कोटा नियमों को बदल दिया। इसमें एनआरआई कोटे की सीटें खाली रहने पर एनआरआई के निकटतम रिश्तेदार उम्मीदवारों को एनआरआई कोटा से एमबीबीएस में एडमिशन लेने की अनुमति दे दी गई। 15 फीसदी एनआरआई कोटा बनाया गया (NRI Quota)
याचिकाकर्ताओं के यह आरोप भी हैं कि 22 अगस्त को एक और नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें एक संस्थान में अचानक 15 फीसदी एनआरआई कोटा बना दिया गया। डॉ. बीआर अंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट मेडिकल साइंसेज, मोहाली में जनरल कोटा सीटों को कम कर यह कोटा बनाया गया। वहीं याचिकर्ताओं के सीनियर एडवोकेट अमित झांझी ने कहा कि बीएफयूएचएस द्वारा जो MBBS/BDS एडमिशन को लेकर प्रोस्पेक्टस जारी किया गया था, उसके मुताबिक ही एडमिशन होने चाहिए। बीच में कोई बदलाव करना ठीक नहीं।
इतनी लगती है फीस (NEET UG)
पंजाब के सभी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एनआईआर कोटा (NRI Quota) के तहत MBBS की लगभग 185 एनआरआई और बीडीएस की 196 सीटों पर दाखिला होता है। सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीट के लिए फीस करीब 92 लाख है जबकि बीडीएस सीट के लिए करीब 36 लाख की फीस लगती है। पंजाब में प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल सीटों का 15 फीसदी एनआरआई कोटे के उम्मीदवारों के लिए निर्धारित है।