हिंदी माध्यम स्कूलों में कैसे होगा शैक्षणिक कार्य? (Rajasthan Schools)
सरकारी स्कूलों के इन हालातों को वरिष्ठ अध्यापकों के रिक्त पदों से ही समझा जा सकता है। प्रदेश में वरिष्ठ अध्यापकों के 26 हजार 395 पद माध्यमिक शिक्षा में रिक्त हैं। अंग्रेजी माध्यम में अध्यापक जाएंगे तो जहां वे अध्यापक कार्यरत थे, वहां का शैक्षणिक कार्य कैसे होगा? हिंदी माध्यम के अध्यापकों से 22 जुलाई तक अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेजे जाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने की चाह रखने वाले प्राचार्य या प्राध्यापक सभी 50 जिलों के स्कूलों के लिए आवेदन कर सकते हैं। वरिष्ठ अध्यापक, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक, पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड द्वितीय, वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक व वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक मंडल के सभी जिलों में आवेदन कर सकते हैं।
पद हो जाएंगे रिक्त
राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता बसंत कुमार ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम शिक्षकों के लिए अलग कैडर बनाने की मांग लंब वक्त से चल रही है। यह कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के घोषणा पत्र में था। इसके बावजूद 5 साल ध्यान नहीं दिया गया। हिंदी माध्यम विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में करने से पद अधिक रिक्त होंगे।
10 हजार से ज्यादा कम हो जाएंगे शिक्षक (Rajasthan Schools)
मौजूदा समय की बात करें तो महात्मा गांधी व विवेकानंद मॉडल स्कूलों में करीब 10 हजार से ज्यादा शिक्षक हिंदी माध्यम स्कूलों के ही नियुक्त है। वहीं शिक्षा विभाग (Rajasthan Education Department) ने 15 जुलाई से नई प्रतिनियुक्ति की तैयारी कर ली है। इन स्कूलों में करीब 10 हजार से ज्यादा शिक्षक और कम होने की संभावना है। ऐसे में हिंदी माध्यम स्कूलों के नामांकन व शिक्षण दोनों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। सरकारी हिंदी माध्यम स्कूलों में प्रधानाचार्य से लेकर ग्रेड थर्ड तक पहले से 1.3 लाख से ज्यादा शिक्षकों की कमी है। उस पर पांच हजार से ज्यादा शिक्षकों की और कमी इन स्कूलों की शैक्षिक व्यवस्था को ज्यादा प्रभावित करेगी।
नई भर्ती या स्थानांतरण से भरेंगे पद
वहीं अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूलों द्वारा मांगे गए आवेदन पर पाली शिक्षा मंडल के संयुक्त निदेशक चंद्रप्रकाश जायसवाल ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में आवेदन किए जाने पर हिंदी स्कूल में पद स्थापन वाला स्थल रिक्त होगा। यह सरकार की प्रक्रिया है। जो पद रिक्त होंगे, वे डीपीसी, स्थानांतरण या नई भर्ती होने पर वापस भरेंगे।