कंपनियों का मानना है कि लॉकडाउन के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं जिसके चलते उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। इसलिए, पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए बच्चों को पाठ्यक्रम डिजिटल उपलब्ध करवाया जा रहा है। वहीं, कई कंपनियों के कर्मचारी भी घर से काम कर रहे हैं, इसलिए उनके लिए भी कई प्रोग्राम ऐसे तैयार किए गए हैं ताकि घर पर रहते हुए उन्हें कोई दिक्कत नहीं आए।
कंपनियां डिजिटल लर्निंग के जरिए आसानी से अपने कर्मचारियों तक पहुंच सकती हैं। वहीं, लोगों के बीच ‘माइक्रो-लर्निंग’ की मांग बढ़ी है जिसके चलते उपभोक्ता कभी भी, कहीं से भी अपनी जरूरत की चीजों को हासिल कर सकता है।