किसने दायर की है याचिका?
याचिका दिल्ली की गीता रानी ने दायर की है। गीता रानी पेशे से वकील हैं। याचिकाकर्ता ने याचिका की सपोर्ट में राष्ट्रीय अपराध रिपोर्ट ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसमें बताया गया है कि 2021 की तुलना में बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं 2022 में 1.62 लाख मामले दर्ज किए गए। याचिका में कहा गया है कि बच्चों को बेसिक कानूनी शिक्षा (Basic Legal Education) का ज्ञान होना चाहिए ताकि वे प्रतिकूल स्थिति में आत्मरक्षा कर सकें। याचिका में दावा किया गया कि कई मामलों में बच्चे आत्मरक्षा कौशल की कमी के कारण अपना बचाव नहीं कर पाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब (Supreme Court Issued Notice to Central Government)
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ इस याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। इस संबंध में कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है।
इस मुद्दे पर
पत्रिका की एजुकेशन जर्नलिस्ट शांभवी शिवानी ने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ललित कुमार (Advocate Lalit Kumar) से बात की। उन्होंने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में कानूनी शिक्षा (Legal Education) और आत्मरक्षा प्रशिक्षण देना छात्रों को सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रगतिशील और सराहनीय कदम है। कानूनी शिक्षा की मदद से बच्चे यौन शोषण की पहचान कर पाएंगे, जिसका असर ऐसे मामलों को रिपोर्ट करने में दिखेगा।
5 प्वॉइंट्स में जानें कानूनी शिक्षा का फायदा (Legal Education Importance)
- बच्चे जागरूक होंगे
- छात्र आत्मरक्षा कौशल सीखेंगे
- भविष्य में आने वाली परेशानियों से लड़ने के लिए सक्षम बनेंगे और आत्मविश्वास बढ़ेगा
- अपने अधिकारों के बारे में जानेंगे
- कानूनी शिक्षा की समझ बढ़ने से अच्छे-बुरे का फैसला करने के क्षमता बढ़ेगी