नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के शुरू होते ही बढ़ती संख्या में छात्रों का कोटा में प्रवेश शुरू हो चुका है। कोचिंग हब (Coaching Hub) के नाम से मशहूर ये शहर एक बार फिर से गुलजार हो रहा है। एक खबर के अनुसार, अब तक करीब 45 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने कोटा कोचिंग (Kota Coaching) संस्थानों में दाखिला ले लिया है।
बस स्टैंड हो या रेलवे स्टेशन, रेस्तरां हो या चाय की दुकान हर जगह अभिभावकों और बच्चों की भीड़ दिख रही है। कोचिंग के साथ-साथ रेस्तरां आदि की भी कमाई का मौसम शुरू हो चुका है। कोचिंग संस्थानों की मानें तो इस साल कोटा में करीब 2 लाख छात्रों के आने की उम्मीद है। कोटा कोचिंग (Kota Coaching) संस्थानों का सलाना 6 हजार करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर बताया जा रहा है।
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कोचिंग सेंटर की फीस करीब 40 हजार से शुरू होकर 2 लाख रुपये तक की है। इस फीस में बच्चों को स्कॉलरशिप दी जाती है। यह स्कॉलरशिप 10 प्रतिशत -60 प्रतिशत के करीब होती है। कोटा में बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से छात्र आते हैं। ऐसे में कोचिंग संस्था के साथ-साथ यहां हॉस्टल, मेस, रेस्तरां आदि का बिजनेस भी बढ़ रहा है। छात्रों के लिए यहां कई तरह के हॉस्टल हैं, जिनका रेट 7 हजार से शुरू होकर 25 हजार रुपये तक है। इन हॉस्टल्स में न सिर्फ रहने की व्यवस्था होती है बल्कि भोजन, लॉन्ड्री, साफ-सफाई, आदि कई तरह की सुविधाएं शामिल हैं।
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कोटा कोचिंग संस्थानों में सुसाइड मामले में वृद्धि को देखते हुए इस वर्ष कोचिंग गाइडलाइन (Coaching Guidelines) को लेकर जिला अधिकारी ने आदेश जारी किया है। अब सभी कोचिंग संस्थानों को सरकार की यह गाइडलाइन फॉलो करनी होगी। दरअसल, केंद्र सरकार ने छात्रों के बीच बढ़ते सुसाइड मामले को देखते हुए कुछ गाइडलाइन जारी किया था।
केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक, 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं छात्रों को 10वीं कक्षा के बाद ही कोटा कोचिंग (Kota Coaching) में प्रवेश देने का निर्देश दिया गया। साथ ही एक दिन में 5 घंटे से अधिक की क्लास नहीं होनी चाहिए। छात्रों के लिए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। क्लासेज सुबह जल्दी और देर शाम तक नहीं संचालित की जाएगी। कोचिंग संस्थानों द्वारा नियमों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।