डिग्री और डिप्लोमा कोर्स का उद्देश्य भी अलग-अलग होता है। डिग्री कोर्स किसी भी विषय के बारे में विस्तार से ज्ञान देता है, डिग्री का पाठ्यक्रम इस तरह का होता है कि स्टूडेंट्स को रुचि वाले विषय का गहाराई से ज्ञान हो जाए। जिस विषय में छात्र को रुचि होती है जिसका वह गहन अध्ययन करना चाहता है उस विषय में डिग्री कोर्स कर सकता है। डिग्री कोर्स ही ज्यादातर जॉब्स के लिए मान्य होता है।
डिप्लोमा कोर्स में किसी विषय विशेष के बारे में कम समय में पढ़ाया जाता है डिप्लोमा में छात्र को किसी एक व्यवसाय या पेशे के बारे में जानकारी दी जाती है। डिप्लोमा के पाठ्यक्रम में व्यवसाय या पेशे से जुड़े विषय पर पढ़ाई पर कराई जाती है और ज्ञान ज्यादा दिया जाता है। डिप्लोमा में कुछ दिन जॉब वर्क या इंटर्नशिप भी कराई जाती है।
किसी विषय में मास्टर डिग्री, एम.फिल या पीएच.डी. करने के लिए स्नातक डिग्री की आवश्यता होती है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए डिग्री जरूरी है। जहां तक पेशेवर योग्यता की बात है तो डिग्री या डिप्लोमा से कोई खास फर्क नहीं पड़ता। देश के प्रतिष्ठित संस्थान भी अब डिप्लोमा कोर्स करवाने लगे हैं इस लिए इसे कम नहीं कहा जा सकता।
डिप्लोमा या डिग्री कोर्स में दाखिला लेने से पहले संस्थान की प्रतिष्ठा तथा मान्यता की जांच कर लेनी चाहिए। इसके साथ ही संस्थान की शिक्षा व शिक्षकों के स्तर व सुविधाओं के बारे में भी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। जिस विषय में आपकी रुचि हो उसी विषय में डिग्री या डिप्लोंमा करना चाहिए।