“अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य लोगों के लिए सभी रियायतें और छात्रवृत्तियां बिना किसी बदलाव के जारी रहेंगी। फीस वृद्धि से वे विद्यार्थी प्रभावित होंगे, जो आईआईटी में कुछ महीने रहने के बाद रोजगार लेने या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए कार्यक्रम के बीच में ही निकल जाते हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘Nishank’ की अगुवाई वाली आईआईटी परिषद ने शुक्रवार को मास्टर्स प्रोग्राम के शुल्क में बढ़ोतरी और इसे बीटेक पाठ्यक्रमों के स्तर पर लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। IIT में M.Tech कार्यक्रम में सुधारों पर तीन सदस्यीय समिति की सिफारिशों पर निर्णय लिया गया।
मंत्रालय ने कहा, “आईआईटी में एमटेक कार्यक्रमों के लिए शुल्क लंबे समय से संशोधित नहीं किया गया है, जबकि प्रति विद्यार्थी लागत में काफी वृद्धि हुई है। कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण कोई भी विद्यार्थी शिक्षा के अवसर से वंचित नहीं होगा,”
आईआईटीज में एमटेक प्रोग्राम की फीस अब से 9 गुना देनी होगी। आईआईटीज की काउंसिल ने शुक्रवार को एमटेक प्रोग्राम की फीस को बीटेक कोर्सों की फीस के बराबर करने को मंजूरी दी है। बीटेक कोर्सों की फीस करीब 2 लाख रुपये सालाना है। इस तरह से आईआईटीज के एमटेक प्रोग्राम की फीस में करीब 900 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। आईआईटीज में एमटेक कोर्स की मौजूदा ऐडमिशन और ट्युइशन फीस प्रति सेमेस्टर 5,000 से 10,000 रुपये है। इसके अलावा छात्रों को दिए जाने वाले 12,400 रुपये के स्टाइपेंड को खत्म करने का भी सुझाव दिया गया है।