सबसे ज्यादा साइंस विषय के छात्र ने दिखाया इंटरेस्ट
कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (KSEAB) द्वारा जारी एक आंकड़े के अनुसार, बोर्ड की इस पहल का सबसे ज्यादा फायदा साइंस स्ट्रीम के छात्रों को मिला है। आंकड़ों के अनुसार, विज्ञान विषयों में दोबारा परीक्षा देने वालों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। विज्ञान विषय के छात्रों ने दूसरी और तीसरी बार अपने स्कोर को सुधारने के लिए परीक्षा दी। यहां देखें विषय अनुसार आंकड़े
दूसरी बार कर्नाटक बोर्ड की परीक्षा देने वाले 12वीं के छात्रों की संख्या
- फिजिक्स – 21,646
- केमिस्ट्री- 17,948
- मैथ्स- 14,875
- अंग्रेजी- 7,253
- बायोलॉजी- 7,015
NEP ने की थी दो अवसर देने की सिफारिश
अपन इन प्रयासों की वजह से कर्नाटक ने अपने नाम नई उपलब्धि दर्ज की है। ये भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया जहां 10वीं- 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए तीन मौके दिए जाते हैं। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति (NEP 2020) भी छात्रों को एक स्कूल वर्ष में बोर्ड परीक्षा देने के लिए दो अवसर देने की सिफारिश करता है।
कब-कब हुई परीक्षा?
2023-24 शैक्षणिक वर्ष में पहली बोर्ड परीक्षा 1 मार्च-अप्रैल को आयोजित की गई थी, जिसका परिणाम मई में आया था। वहीं परीक्षा 2 जून महीने में हुई थी, जिसका परिणाम जुलाई में आया था। वहीं परीक्षा 3 अगस्त में हुई थी, जिसका परिणाम अगस्त महीने में ही जारी कर दिया गया था।
क्या हैं इस बोर्ड परीक्षा के नियम
KSEAB के अनुसार, छात्रों के पास बोर्ड परीक्षा में दो या तीन बार बैठने का अवसर है। वहीं परिणाम उस परीक्षा के घोषित किए जाएंगे, जिसमें छात्र ने सबसे अधिक स्कोर किया है। उदाहरण के लिए यदि किसी छात्र ने परीक्षा 1 में 60%, परीक्षा 2 में 75% और परीक्षा 3 में 65% अंक प्राप्त किए, तो उस विषय में उसका अंतिम स्कोर 75% होगा।