बयान के अनुसार, क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2019 में 505 संस्थानों को जगह दी गई है, जिनमें 92 संस्थान पहली बार शामिल हुए है। रैंकिंग प्रक्रिया में कठोर नियम थे। इसके लिए क्यूएस ने 11 मानक बनाए थे। एशिया रैंकिंग में आने के लिए लगभग 46 देशों के लगभग 13,000 विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया था।
इस उपलब्धि पर जेजीयू के संस्थापक चांसलर नवीन जिंदल ने कहा, यह भारत और जेजीयू के लिए गर्व की बात है। भारत के लिए यह विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में शामिल होने और छात्रों के लिए शैक्षणिक वातावरण सुधारने का समय है। जेजीयू के प्रयासों में यह बड़ी उपलब्धि है। उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता लाने के उद्देश्य के साथ जेजीयू ने अपना सफर एक दशक से भी कम समय पहले शुरू किया था।
जेजीयू के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर डॉ. सी. राजकुमार ने कहा, जेजीयू के लिए यह एक शानदार पहचान है। दुनिया के प्रमुख संस्थानों में जेजीयू को शामिल कर हमारे लिए उत्कृष्टता पाने के लिए यह हमेशा प्रेरणा रहेगी। जेजीयू हाल ही में क्यूएस ब्रिक्स यूनिवर्सिटी रैंकिंग में शामिल हुआ था। जेजीयू पांच प्रमुख देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के लगभग 9,000 विश्वविद्यालयों में सबसे नए भारतीय विश्वविद्यालय के तौर पर शामिल किया गया था।