लर्निंग बाय डूइंग शिक्षा आभियान की शुरुआत झज्जर जिले के सिकंदरपुर स्थित सरकारी स्कूल से हुई और महीने भर के भीतर ही इसने बदरा, भढाणी, बाजिदपुर, दादरीतोय जैसे गांवों में इसका प्रसार हो चुका है। पहले चरण के विस्तार की शुरुआत झज्जर जिले के दादरीतोय सरकारी विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम से हुई।
रितेश रावल फाउंडेशन के संस्थापक रितेश रावल ने कहा कि पहले चरण में हमें जो प्रतिक्रिया मिली है और इसे सफल बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन से जो सहायता मिली उससे हमें खुशी है। उम्मीद है कि जब हम दूसरे राज्यों का रुख करेंगे और छात्रों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालना शुरू करेंगे तो हमें ऐसा ही समर्थन मिलेगा।
इस कार्यक्रम में करीब 200 छात्रों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। पहले चरण का लक्ष्य है स्कूलों में पढ़ाई का बुनियादी माहौल तैयार करना ताकि लर्निंग बाय डूइंग प्रकिया अपनाई जा सके। हर छात्र को लर्निंग बाय डूइंग शिक्षा से जुड़ा स्टार्टर किट भी प्रदान किया गया और स्कूलों को खेल, संगीत, कला और हस्तशिल्प किट के रूप में नवोन्मेषी उपकरण प्रदान किए गए। बाद में शिक्षकों के लिए एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।
झज्जर के जिला बुनियादी शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि इस कार्यक्रम की शिक्षा प्रणाली में सचमुच बड़ी भूमिका है। कार्यक्रम उन वास्तविक मुद्दों पर केंद्रित है जिन पर ध्यान देना छात्रों के विकास के लिए जरूरी है। हमें खुशी है कि रितेश रावल फाउंडेशन ने लर्निंग बाय डूइंग शिक्षा अभियान के लिए हमारे जिले के बुनियादी स्तर के स्कूलों का चयन किया।