रैंक के हिसाब से मिलती है सेवा
यूपीएससी सीएसई की परीक्षा पास करने के बाद रैंक के आधार पर आईएएस, आईएफएस, आईपीएस या फिर अन्य सेवा में चयन होता है। ऐसे कैंडिडेट जिन्हें वर्दी से प्यार होता है, वो आईपीएस सेवा चुनते हैं। एक आईपीएस अधिकारी (IPS Officer) की नौकरी काफी चुनौतियों से भरी होती है। उसके क्षेत्र की कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी होती है। यह भी पढ़ें
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अलग से होती है आईपीएस की ट्रेनिंग
आईएएस हो या आईपीएस, रैंक का चुनाव करने के बाद उन्हें सबसे पहले प्रशिक्षण के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी (LBSNAA) भेजा जाता है। मसूरी में कुछ महीनों की ट्रेनिंग के बाद आईपीएस कैंडिडेट्स को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद (SVPNPA) भेज दिया जाता है। यहां IPS सेवा चुनने वालों की एक साल की कठोर ट्रेनिंग होती है। यह भी पढ़ें
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आईपीएस बनने के बाद कैंडिडेट को सबसे पहले डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस का पद मिलता है। इस दौरान वह काफी अहम बातें सीखते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे प्रमोशन होता है। प्रमोशन के साथ ही वे डिप्टी एसपी से एसपी, डीआईजी, आईजी और डीजीपी जैसे तक पदों तक पहुंचते हैं। पुलिस में सबसे बड़ा औदा किसी राज्य के डीजीपी यानि डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस होता है। इस पद तक बहुत ही कम अवसर पहुंच पाते हैं।पद के हिसाब से मिलती है सैलरी (IPS Salary)
- डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस- 56 हजार 100 रुपये
- एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस- 67 हजार 700 रुपये
- सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस- 78 हजार 800 रुपये
- डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस- 1 लाख 31 हजार रुपये
- इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस – 1 लाख 44 हजार 200 रुपये
- एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस- 2 लाख 5 हजार रुपये
- डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस- 2 लाख 25 हजार रुपये