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Success Story: London की नौकरी छोड़कर बनीं IAS, जानिए 75 साल बाद गांव में पानी पहुंचाने वाली DM की कहानी

IAS Divya Mittal Success Story: आज जानेंगे आईएएस दिव्या मित्तल की कहानी, जिन्होंने पहले जेईई फिर कैट और आखिरी में यूपीएससी सीएसई पास कर के मिसाल कायम किया। आइए, जानते हैं उनकी कहानी-

नई दिल्लीNov 19, 2024 / 12:11 pm

Shambhavi Shivani

IAS Divya Mittal Success Story: यूपीएससी, कैट और जेईई की परीक्षा देश व दुनिया की कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इनमें से एक परीक्षा पास करने में भी लोगों की हालत खराब हो जाती है। लेकिन आज हम एक आईएएस अधिकारी के बारे में जानेंगे, जिन्होंने एक साथ ये तीनों कठिन परीक्षा पास कर ली। हम बात कर रहे हैं आईएएस दिव्या मित्तल की, जिन्होंने पहले जेईई फिर कैट और आखिरी में यूपीएससी सीएसई (UPSC CSE) परीक्षा पास की।

पहले IPS और फिर IAS बनीं दिव्या मित्तल 

मित्तल हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली हैं। उन्होंने बिना कोचिंग के ही अपने पहले प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास कर ली थी। लेकिन इस बार उन्हें IPS सेवा मिली जबकि मित्तल आईएएस सेवा चाहती थीं। ऐसे में उन्होंने दूसरी बार परीक्षा दी और ऑल इंडिया रैंक 68वीं के साथ IAS बन गईं।
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लंदन की नौकरी छोड़ वापस आईं भारत (IAS Divya Mittal Success Story) 

ऐसा नहीं कि दिव्या मित्तल ने शुरुआत से ही आईएएस बनने का सपना देखा था। उकनी जरनी तो आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) की बीटेक डिग्री से शुरू हुई थी। IIT Delhi के बाद उन्होंने कैट परीक्षा पास करके आईआईएम बैंगलोर (IIM Bangalore) से MBA की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे नौकरी के लिए बेहतरीन पैकेज पर लंदन चली गईं। लंदन में उन्होंने विदेशी डेरिवेटिव व्यापारी के पद पर काम किया था। हालांकि, दिव्या मित्तल का देश प्रेम उन्हें वापस भारत खींच लाया और यहां आकर उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। मित्तल के आईएएस बनने में उनके पति IAS गगनदीप सिंह की भी बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने दिव्या मित्तल को सिविल सेवा में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। 
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क्या है दिव्या मित्तल का सक्सेस मंत्र (Success Mantra By IAS Divya Mittal)  

कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकीं दिव्या मित्तल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए मोबाइल फोन (UPSC Preparation Tips By IAS Divya Mittal Avoid Mobile Phone) से दूर रहना बहुत जरूरी है। फोन आज के जमाने में युवाओं के लिए सबसे बड़ा भटकाव और डिस्ट्रैक्शन है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को अपने लक्ष्य की ओर फोकस रहना चाहिए। 

LBSNAA में मिला था पुरस्कार 

मसूरी स्थित LBSNAA में, जहां सिविल सेवा अधिकारियों की ट्रेनिंग होती है, मित्तल को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अशोक बंबावले पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। दिव्या मित्तल हमेशा से अपनी पढ़ाई और काम को लेकर सबसे आगे रही हैं। उन्होंने मिर्जापुर में अपनी पोस्टिंग के दौरान जिले के हलिया ब्लॉक के लहुरियादह गांव में आजादी के 75 साल बाद पानी पहुंचाने का करिश्मा कर दिखाया था। 

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