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आईआईटी कानपुर ( IIT Kanpur ) प्रबंधन की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हकीकत यह है कि आज भी 80 फीसदी छात्र हॉस्टल में ही टिके हैं। इनमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष स्नातक पाठ्यक्रम के छात्र और अंतिम वर्ष के स्नातक पाठ्यक्रमों में कुछ छात्र और परास्नातक और डॉक्टरेट पाठ्यक्रमों के छात्र शामिल हैं। प्रबंधन में बताया कि मार्च 2020 में महामारी फैलने के बाद लगभग 8000 छात्रों की क्षमता वाले संस्थान को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इस दौरान ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया गया था। अगस्त 2020 से स्थिति बेहतर हो रही थी। उसके बाद 300 से 400 छात्रों के लिए बैचों में स्वैच्छिक और चरणबद्ध तरीके से परिसर खोलने का निर्णय लिया गया। यह मार्च तक जारी रहा। परिसर में आने वाले छात्रों को शुरू में 14 दिवसीय क्वारनटाइन का भी पालन करा गया। हालांकि बाद में क्वारनटाइन की अवधि को 6 दिन कर दिया गया था। यह भी पढ़ें
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100 मामले कोरोना पॉजिटिव आईआईटी कानपुर के 20 फीसदी छात्रों में केवल 100 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इन छात्रों को दो गेस्ट हाउसों के एक कमरे में रखा गया है। कोरोना पीड़ित छात्रों को सभी संबंधित उपकरणों जैसे कि पीपीई किट, दवाओं आदि से लैस चिकित्सा स्टाफ द्वारा देखभाल की जाती है। दिन में चार बार भोजन दिया जाता है। दिन-प्रतिदिन उनकी प्रगति की निगरानी की जाती है। इसके अलावा कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए अपने योग हॉल को 40 बेड के कोविड देखभाल केंद्र में तब्दील कर दिया है। संस्थान छात्रों की निजी समस्या को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। कानपुर में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए संस्थान ने उन छात्रों से गृह नगर लौटने की अपील की है जो पूरी तरह से फिट हैं। उन्हें आरटीपीआर की रिपोर्टों के साथ हर संभव सहायता भी प्रदान की है। यह निर्णय उस समय लिया गया जब छात्रों ने साझा आवास पर कब्जा कर लिया था। यह भी पढ़ें