इस लैब के जरिए स्वायत्त, स्व-उपचार पर आधारित कंप्यूटिंग सिस्टम का निर्माण के साथ माइक्रोसर्विसेज और क्लाउड-देशी अनुप्रयोगों का अनुकूलन पर जोर, एआई-आधारित सूचना प्रबंधन तंत्र विकसित करना भी शामिल है। यह एआई कोडिंग के जरिए मानव और मशीनी भाषाओं का विश्लेषण करने में सहायक साबित होगां।
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एआई नवाचार को मिलेगा बढ़ावा आईबीएम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हाइब्रिड क्लाउड के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में नवाचार के व्यापक रूप से अपनाने और अनुसंधान कार्य को सहज और सुलभ बनाया जाएगा। आईबीएम रिसर्च इंडिया के निदेशक गार्गी दासगुप्ता ने कहा है कि हमारा हाइब्रिड क्लाउड प्लेटफॉर्म खुला है और हम संयुक्त रूप से ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर विकसित करेंगे जो इंटरऑपरेबिलिटी, पोर्टेबिलिटी और सुरक्षा प्रदान करने वाला होगा। साथ ही नवाचार में तेजी लाने के लिए डेवलपर्स के विशाल समुदाय के लिए आसानी से उपलब्ध होगा। अब हाइब्रिड मल्टी-क्लाउड प्लेटफॉर्म में निवेश लाभकारी वहीं डिवीजन ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी साइंसेज, आईआईएससी बेंगलुरु के डीन नवकांत भट ने कहा कि हम संयुक्त शोध निष्कर्षों को खुला स्रोत बनाने और व्यापक समुदाय के लिए सुलभ बनाने के लिए विशेष रूप से उत्साहित हैं जो एआई और हाइब्रिड क्लाउड के उभरते क्षेत्रों में नवाचार को काफी तेज करेगा। हाइब्रिड क्लाउड पर आईबीएम इंस्टीट्यूट फॉर बिजनेस वैल्यू (आईबीवी) के अध्ययन के मुताबिक हाइब्रिड, मल्टी-क्लाउड प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी और ऑपरेटिंग मॉडल से प्राप्त मूल्य, एकल प्लेटफॉर्म, सिंगल क्लाउड से प्राप्त मूल्य का 2.5 गुना ज्यादा है। इसलिए हम हाइब्रिड मल्टी-क्लाउड प्लेटफॉर्म क्षमताओं में निवेश कर रहे हैं।
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