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12वीं कॉमर्स के बाद इन क्षेत्रों में बेहतर बनाएं करियर

12वीं कॉमर्स के पास हुआ छात्र जरूरी नहीं कि केवल बीकॉम या बीए की पढ़ाई करे। इनके अलावा भी कई ऑप्शन है जिनको करने के बाद अच्छा कॅरियर बना सकता है। आज के अंक में जानते हैं कि बारहवीं कॉमर्स के बाद कौनसे क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है-

Apr 29, 2019 / 03:29 pm

Hemant Pandey

चार्टर्ड अकाउंटेंट
द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स कराता है। इसे ही सीए कहते हैं। आजकल अच्छे सीए की मांग बहुत बढ़ी है। इसकी शुरुआत कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट से होती है, जिसे पास करने के बाद ही छात्र अपने लक्ष्य के पहले पड़ाव को पार कर दूसरे पड़ाव पर पहुंच सकता है। इसमें चार विषयों जैसे अकाउंटिंग, मर्केटाइल लॉ, जनरल इकोनॉमिक्स एवं क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड शामिल किया जाता है। मान्यता प्राप्त बोर्ड से कॉर्मस स्ट्रीम में 12वीं पास करने के बाद कोई भी स्टूडेंट्स सीए के रूप में कॅरियर बना सकता है।
कंपनी सेक्रेटरी
इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रटरीज ऑफ इंडिया (आइसीएसआइ) कंपनी सेक्रेटरी प्रोग्राम चलाता है। यह कोर्स काफी पॉपुलर है। इसमें शुरुआती कमाई भी काफी अच्छी होती है। साइंस, कॉमर्स और ऑट्र्स, जिसमें फाइन आट्र्स शामिल न हो, में 12वीं के बाद कंपनी सेक्रटरी कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके तीन चरण हैं- फाउंडेशन एग्जिक्यूटिव और प्रोफेशनल। एग्जिक्यूटिव और प्रोफेशनल कोर्स करने के बाद एक कंपनी या किसी अनुभवी या प्रेक्टिस कर रहे कंपनी सेक्रेटरी के साथ 16 महीने की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य होता है। प्रोफेशनल कोर्स और ट्रेनिंग के बाद आइसीएसआइ के एसोसिएट सदस्य बन जाते हैं।
बीबीए
बीबीए का कोर्स किसी भी वर्ग से 12वीं पास करने वाला स्टूडेंट कर सकता है लेकिन कॉमर्स के छात्रों में काफी पसंद किया जाता है। यह एक बैचलर कोर्स है। इसमें छात्रों को बिजनेस प्रबंधन के गुर सिखाए जाते हैं। इसे करने के बाद कंपनियों के एचआर, फाइनेंस, सेल्स और मार्केटिंग में रोजगार मिलता है। इसको करने के बाद अभ्यर्थी को एमबीए करने का ऑप्शन भी बन सकता है। वैसे तो बीए करने के बाद भी एमबीए कर सकते हैं लेकिन बीबीए के बाद ज्यादा अच्छा माना जाता है।
बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स)
स्टूडेंट्स को समझ में नहीं आता है कि बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स) और बैचलर ऑफ कॉमर्स में क्या अंतर होता है। इसलिए उसे समझ नहीं आता है कि कौनसा कोर्स कर। अगर बात करें बीकॉम ऑनर्स की तो इस तीन साल के डिग्री प्रोग्राम में 40 विषय होते हैं और इनमें छात्र एक विषय में स्पेशलाइजेशन भी करना होता है जबकि बैचलर ऑफ कॉमर्स में विषयों को कम डिटेल में पढ़ाया जाता है।
बीकॉम (एकाउंटिंग एंड फाइनेंस)
बैचलर ऑफ कॉमर्स इन अकाउंटिंग एंड फाइनेंस 12वीं के बाद किया जाने वाला तीन साल का डिग्री प्रोग्राम है। इसमें पढ़ाई करने के बाद अकाउंट्स और फाइनेंस में ज्यादा मौके मिलते हैं। इसके कोर्स में अकाउंट्स, फाइनेंस, टेक्सेशन के बारे में ज्यादा पढ़ाया जाता है और फाइनेंशियल नॉलेज पर ज्यादा फोकस किया जाता है।
बीकॉम (बैंकिंग एंड इंश्योरेंस)
इसमें एकेडमिक और प्रोफेशनल डिग्री दोनों ही शामिल होता है। इस प्रोग्राम में अकाउंटिंग, बैंकिंग, इंश्योरेंस लॉ, बैंकिंग लॉ और इंश्योरेंस रिस्क कवर की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स में करीब 38 विषय होते हैं। इसके अलावा बैंकिंग और इंश्योरेंस से जुड़े 2 प्रोजेक्ट भी हैं। इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स एमकॉम, एमबीए, सीएफए जैसे हायर एजुकेशन वाले कोर्सेज भी कर सकते हैं। इसे करने के बाद सरकारी और प्राइवेट दोनों ही संस्थानों में मौके मिलते हैं।

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