रेडियोलॉजिस्ट शरीर के विभिन्न अंगों का एक्सरे करते हैं। एक्सरे करते वक्त मरीज और आस-पास के लोगों पर रेडियोएक्टिव किरणों का साइड इफेक्ट न हो, इस बात की निगरानी भी रखते हैं। इसके अलावा वे रेडियोग्राफिक उपकरणों की देखभाल और रोगियों के रिकॉड्र्स भी मेंटेन करते हैं।
इस क्षेत्र से संबंधित स्नातक डिग्री, सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा कोर्स करने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री व बॉयोलॉजी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं पास होना जरूरी है। यदि आप साइंस विषयों में स्नातक हैं, तो पीजी डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। गौरतलब है कि इसमें प्रवेश मुख्यतया बारहवीं पास अंकों के आधार पर ही होता है, लेकिन कुछ संस्थान एंट्रेंस टेस्ट व इंटरव्यू के आधार पर भी चयन करते हैं। अगर आप टैलेंटेड हैं तो इस फील्ड में सफलता मिलने के चांस ज्यादा हैं।
रेडियोलॉजी टेक्नीशियन बनने के लिए कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। इसमें सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर डिप्लोमा, डिग्री और मास्टर्स तक के कोर्स हैं जैसे बीएससी इन रेडियोलॉजी (3 साल), सर्टिफिकेट इन रेडियोग्राफी
(1 साल), डिप्लोमा इन एक्स-रे टेक्नीशियन (1 साल), पीजी डिप्लोमा इन रेडियो थेरेपी टेक्नोलॉजी (2 साल) आदि।
यह कॅरियर विकल्प के तौर पर लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए अच्छा है। कोर्स के दौरान छात्रों को शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान, विकिरण भौतिकी, इमेजिंग भौतिकी और रेडियोग्राफिक स्थिति के बारे में जानकारी दी जाती है। रेडियोलॉजिस्ट बनने के बाद नर्सिंग होम्स, अस्पताल, डाइग्नॉस्टिक सेंटर, अत्याधुनिक अस्पताल या फिर खुद का काम शुरू कर सकते हैं।
ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज,
नई दिल्ली www.aiims.edu
दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीटयूट,
नई दिल्ली www.dpmiindia.com
टाटा मेमोरियल हास्पिटल, मुंबई www.tmc.gov.in
क्रिश्चियन मेडिकल स्कूल, वैल्लूर, तमिलनाडु www.cmch-vellore.edu
बीजे मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद, गुजरात www.bjmc.org