अपनी खुलकर खर्च करने की आदतों के कारण कई युवा कम उम्र में ही क्रेडिट कार्ड के ऋण में फंस जाते हैं। 24 साल की साहिन खान दिल्ली में एक एनजीओ में काम करती हैं। वह हर महीने 35 हजार रुपए कमाती हैं। वह कमरे का किराया, ट्रांसपोर्टेशन और भोजन पर आवश्यक रूप से खर्च करती हैं। इसके अतिरिक्त उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा खरीदारी और मनोरंजन पर खर्च होता है। महीने के अंत में उनके पास मुश्किल से एक या दो हजार रुपए बच पाते हैं। वह बड़ी खरीदारी के लिए अपना क्रेडिट कार्ड काम में लेती हैं और इस पर बकाया 60 हजार रुपए तक हो जाता है।
निवेश से उतनी संतुष्टि नहीं मिलती, जितनी खर्च करने से मिलती है। ज्यादातर युवा अपना धैर्य खो देते हैं और निवेश नहीं कर पाते। अगर पांच साल भी देर कर देते हैं तो काफी अंतर आ जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि आप 2 हजार रुपए प्रति माह 30 साल के लिए निवेश कर रहे हैं और 10 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है तो आपके पास 45 लाख रुपए का फंड हो जाएगा। लेकिन पांच साल बाद में शुरुआत करके 25 साल के लिए निवेश करने पर आपके पास 26 लाख रुपए का ही फंड होगा।कम करते हैं बचत
मनीव्यू एक मनी मैनेजमेंट एप है। इसके 10 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं। इसके द्वारा की गई एक रिसर्च से पता लगता है कि 22 से 28 आयु वर्ग के 20 फीसदी युवा अपनी मासिक आय में से 10 फीसदी या इससे अधिक बचा पाते हैं। लगभग 40 फीसदी युवा 1 से 10 फीसदी तक बचत कर पाते हैं। शेष युवाओं मुश्किल से अपनी जरूरतों को पूरा कर पाते हैं। बचत कम करने की आदत घातक हो सकती है।
युवाओं को पहले अपने कर्ज चुकाने चाहिए। इसके बाद ही वे बचत और निवेश शुरू कर सकते हैं। अगर आप अपने कर्जे पर 16 से 36 फीसदी का भुगतान कर रहे हैं तो 10 से 12 फीसदी के रिटर्न के लिए निवेश करना कोई फायदेमंद बात नहीं है। आपको ज्यादा ब्याज दर वाले लोन को तुरंत चुकाना चाहिए। मौजूदा निवेश और सेविंग्स को लोन्स चुकाने के लिए काम में लेना चाहिए। इससे आपको काफी फायदा होगा।
आज कई युवा कम उम्र में ही लोन ले लेते हैं। वे समय पर लोन की किश्त चुकाने पर ध्यान नहीं देते हैं। व्हीकल लोन के मामले में यदि कुछ महीनों तक ईएमआई नहीं चुकाई जाती और बैंक के कॉन्टैक्ट में नहीं रहा जाता तो बैंक व्हीकल को सीज कर सकती है। कुछ युवा ऐसे भी हैं, जो धैर्य के साथ पैसा जमाकर सपने पूरा करते हैं। ये युवा धैर्य के साथ निवेश करते हैं और जीवन का पूरा आनंद ले पाते हैं।