हरियाणा स्कूली शिक्षा बोर्ड (Haryana School Education Board) के सचिव राजीव पार्षद ने कहा, चूंकि यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध तथ्य है कि इस अभ्यास को करने से किसी भी व्यक्ति की कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है, इसलिए हमने इसे आज एक स्कूल से शुरू किया। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास एक ‘सुपर ब्रेन योग’ है और इसे सजा नहीं माना जाना चाहिए। राजीव ने कहा कि विद्यार्थियों पर इस अभ्यास की समय दर समय निगरानी की जाएगी।