School Shutdown: घर से ही ऑनलाइन एग्जाम दे सकेंगे कक्षा 9,11 के छात्र, इस राज्य ने लिया फैसला
शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा के अनुसार इस नई पहल से राजकीय विद्यालयों में संख्यात्मक व गुणात्मक परिणामों के लिए प्रतिस्पर्धा विकसित होगी तथा शिक्षा में काफी सुधार देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि इससे विद्यालयों की स्थिति का पता चल सकेगा कि कितने विद्यालय उनसे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और कितनों से वे अच्छा परिणाम दे रहे हैं।
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डोटासरा ने बताया कि प्रतिवर्ष कक्षा 8, 10 तथा 12 के परीक्षा परिणामों के आधार पर राजकीय विद्यालयों के लिए 1 से 5 स्टार रेटिंग्स जारी की जाती है। 90 प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहने तथा 40 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों के प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर 5 स्टार रेटिंग दी जाती है तथा 60 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम पर 1 स्टार रेटिंग दी जाती है। इस वर्ष जारी की गई कक्षा 10 और 12 की समेकित रेटिंग्स में राज्य के 2633 सरकारी विद्यालयों को 5 स्टार रेटिंग मिली है। उन्होंने बताया कि सत्र 2019-20 में कोरोना संक्रमण की वजह से कक्षा 8 की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। जिसके कारण उस साल कक्षा 8 की स्टार रेटिंग जारी नहीं की गयी थी।
इस आधार पर मिलती है रैंकिंग फाइव स्टार-
फाइव स्टार-स्कूल का परिणाम बोर्ड के कुल परीक्षा परिणाम से अधिक होने, स्कूल में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों का प्रतिशत राज्य स्तर पर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने विद्यार्थियों से अधिक हो।
फोर स्टार रेटिंग- प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत राज्य स्तर पर बोर्ड परीक्षा में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के कुल प्रतिशत से कम है तो स्कूल को फोर स्टार रैंकिंग दी जाएगी।
थ्री स्टार रैंकिंग- स्कूल में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों को प्रतिशत राज्य स्तर पर प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के प्रतिशत से तो अधिक है, लेकिन उस स्कूल का परिणाम बोर्ड के कुल परिणाम से कम है तो स्कूल को थ्री स्टार रैंकिंग दी जाएगी।
टू स्टार रैंकिंग- स्कूल का परिणाम और प्रथम श्रेणी से पास होन वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत बोर्ड के परिणाम और प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के परिणाम से कम है तो स्कूल को टू स्टार रैंकिंग मिलेगी।