विश्वविद्यालय ने किया समिति का गठन (PhD Students)
विद्या परिषद, वित्त समिति और प्रबंध बोर्ड, तीनों समितियों से मुहर लग जाने पर इसे मूर्त रूप मिल जाएगा। एनआईआरएफ और क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में स्थान बनाने के लिए रिसर्च पब्लि केशन ओर पेटेंट का अहम योगदान होता है। इसे देखते हुए ही कुलपति ने करीब डेढ़ महीने पहले डीन स्टूडेंट अफेयर प्रो. वीके गिरी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। प्रोत्साहन के लिए तय की गई राशि (Good News)
इस समिति में प्रो. विह्वल एल गोले, प्रो. बीके पांडेय, प्रो. जीऊत सिंह और उप कुलसचिव देवेंद्र गोस्वामी शामिल थे। समिति को यह निर्धारित करना था कि प्रोत्साहन के लिए स्तरीय शोध प्रकाशन पर कितनी प्रोत्साहन राशि दी जा सकती है। कई बैठक के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को सौंपी। समिति की सिफारिशों के मुताबिक, नेचर, साइंस एकेडमिक जर्नल ऑफ अमेरिकन एसोसिएशन और हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू जैसी दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित जर्नल्स को कैटेगरी 1 में रखा गया है। इसमें प्रकाशन पर आउटस्टैंडिंग रिसर्चर अवार्ड दिया जाएगा। इसके तहत 2 लाख रुपये इंसेंटिव मिलेगा।
यूएसए, यूके पेटेंट पर भी इंसेंटिव यूएसए और यूके ग्रांटेड पेटेंट पर भी 50 हजार रुपयेकी प्रोत्साहन राशि दिए जानेकी सिफारिश की गई है। इसके अलावा अन्य प्रतिष्ठित दूसरे देशों या भारत से मिले पेटेंट पर 25 हजार की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। सरकारी परियोजनाओं पर भी इंसेंटिव सरकारी एजेंसियों से 1 करोड़ सेअधिक का प्रोजेक्ट लानेपर 50 हजार रुपये इंसेंटिव की योजना है। दस लाख सेएक करोड़ रुपये तक की परियोजना तक 10 हजार रुपये इंसेंटिव मिलेगा।