प्रश्न (1) – बिजली कैसे चमकती है?
जब बादलों नमी होती है, तो यह नमी पानी के छोटे-छोटे कणों के रूप में होती है। जब हवा और जल के कण आपस में टकराते हैं तो इनमें से कुछ कण धनात्मक तो कुछ ऋणात्मक आवेशित होते हैं। जब ये आवेशित कण आपस में टकराते हैं, तो तेज आवाज के साथ बिजली उत्पन्न करतेे हैं। अक्सर यह घटना जमीन से दो-तीन किलोमीटर की ऊंचाई पर ही उत्पन्न होती है। प्रकाश की गति अधिक होने के कारण हमें आकाशीय बिजली चमक पहले दिखाई देती हैै और आवाज की गति प्रकाश से कम है इसीलिए हमें आवाज बाद में सुनाई देती है।
प्रश्न (2) – खटाई डालने पर दूध क्यों फट जाता है?
दूध जल, वसा, कार्बोहाइड्रेड और अकार्बनिक लवण केसीन और लैक्टिक अम्ल अनेक प्रकार के रसायन से मिलकर बना होता है। इसके अलावा खटाई में सिट्रिक अम्ल होता है। जब इसे दूध में मिलाया जाता है, तो दूध में लैक्टिक अम्ल की मात्र बढ़ जाती है तो दूध फट जाता है। वसा व केसीन मिलकर थक्का बना लेते हैं। इसे दूध फटना कहते हैं।
प्रश्न (3) – कटे हुए सेब का रंग क्यों बदल जाता है?
दरअसल सेब में विशेष प्रकार के कैटीचिन, पालीफीनोल, कैफीटेनिन अम्ल पाए जाते हैं। साथ ही सेब में फीनोलेज, पालीफीनोल, और ऑक्सीडेज जैसे प्रमुख एन्जाइम्स भी होते हैं। जब सेब को काटा जाता है तो उसमें उपस्थित फीनोलेज और क्लोरोजेनिक एसिड हवा के संपर्क में आते ही कैटीचिन तथा क्लोरोजेनिक अम्ल का ऑक्सीकरण कर लेता है, जिससे सेब का रंग भूरा हो जाता है। यही कारण है कि सेब को काटकर छोडऩे से सेब का रंग भूरा हो जाता है।
प्रश्न (4) – छुईमुई का पौधा हाथ लगाने पर मुरझा क्यों जाता है?
इस पौधे का बॉटनिकल नाम ‘मिमोसा प्यूडिका’ है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस पौधे की पत्तियां कई कोशिकाओं से बनी होती हैं, जिनमें द्रव भरा रहता है। कोशिकाओं का यही द्रव इसकी पत्तियों के खड़े रह पाने में मदद करता है लेकिन जैसे ही इस द्रव्य में थोड़ी सी हलचल होती है, पौधे में भरे द्रव्य का दाब कम हो जाता है और इसी कारण से इसकी पत्तियां सिकुड़ जाती हैं। यह पौधा मुख्य रूप से भारत के गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। बारिश के मौसम में इस पौधे में बैंगनी, गुलाबी व नीले रंग के पुष्प उगते हैं। इसकी पत्तियों में एंटीवायरल व एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं।