विभिन्न विभागों से 15 छात्राओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस सुविधा की मांग करते हुए साल की शुरुआत में कुलपति प्राध्यापक आरएल हंगलू से मुलाकात की थी। अगले साल जनवरी से इस कक्ष का इस्तेमाल होने लगेगा। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी चित्तरंजन कुमार ने कहा, छात्राएं जिस भी विभाग से हो, इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगी। कक्ष में हिंदी व अंग्रेजी के समाचारपत्रों और आरओ-फिल्टर युक्त पेयजल की सुविधा के साथ बैठने की समुचित व्यवस्था है।
इस केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर में लगभग 23,000 नियमित विद्यार्थी हैं जिनमें से 7,300 महिलाएं हैं। यहां कोई भी कॉमन हॉल न होने की वजह से विद्यार्थी काफी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। इस कॉमन हॉल और पिंक टॉयलेट का निर्माण कला संकाय में किया गया है, क्योंकि यह विश्वविद्यालय का सबसे व्यस्त परिसर है और यहां वाणिज्य, विज्ञान और कानून विभाग संकाय की तुलना में छात्राओं की संख्या भी अधिक है।
एक छात्रा ने कहा कि दो लेक्चर्स के बीच की अवधि सामान्यत: लंबी होती है और इस दौरान बैठने के लिए कोई आरामदायक जगह नहीं थी। संकायों में छात्राओं के लिए शौचालय भी नहीं थे और ऐसे में छात्राओं को महिला कॉलेज परिसर में जाना पड़ता था।