शिक्षा विभाग ने सभी निजी शिक्षण संस्थानों को बच्चों के नामांकन को लेकर फीस शेड्यूल समेत कुछ नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है परन्तु कुछ क्षेत्रों में इनका पालन नहीं करने के आरोप हैं।
सुरक्षा जमा की आड़ में पैसे ले रहे हैं
एक लडक़ी के अभिभावक रामन्ना हिरेमठ ने शिकायत की कि कुछ निजी स्कूल बच्चों के नामांकन शुल्क के अलावा सुरक्षा जमा की आड़ में अभिभावकों से कुछ पैसे ले रहे हैं। यदि बच्चे स्कूल के उपकरण और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाते हैं, तो उन्हें आपकी जमा राशि से लागत लेकर और शेष राशि का भुगतान वर्ष के अंत में किया जाएगा कहकर बच्चों का नामांकन कर रहे हैं।अधिक पैसे वसूलना ठीक नहीं
एक अभिभावक एस.आर. कृष्णमूर्ति ने आरोप लगाया कि निजी स्कूलों का कहना है कि पहली कक्षा की फीस 32 हजार रुपए है। कटौती करने का अनुरोध करने पर भुगतान किश्तों में करने को कहते हैं परन्तु फीस का विवरण स्कूल के नोटिस बोर्ड पर नहीं लगाया है। स्कूल की सुविधाओं और पढ़ाई के हिसाब से फीस तय कर इसे नोटिस बोर्ड पर लगाने से सभी को फायदा होगा। नियमों का उल्लंघन कर अभिभावकों से अधिक पैसे वसूलना ठीक नहीं है।फीस में बढ़ोतरी अनिवार्य
एक निजी स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि हमें सरकार की ओर से कोई सब्सिडी नहीं मिलती है। हर वर्ष विद्यालय के विकास के साथ-साथ बच्चों को आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं। शिक्षकों की भर्ती और वेतन देना पड़ता है। इसलिए फीस में बढ़ोतरी अनिवार्य है।सख्त निर्देश दिया जाएगा
जिले में 88 अनुदान रहित जूनियर प्राइमरी स्कूल, 112 सीनियर प्राइमरी स्कूल और 402 हाई स्कूल हैं और अधिकांश स्कूलों ने अपनी वेबसाइट और विभाग की वेबसाइट पर फीस का विवरण दर्ज नहीं किया है। जिले के निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों के साथ दोबारा बैठक कर उन्हें स्कूल फीस निर्धारण के संबंध में नियमों का पालन करने का सख्त निर्देश दिया जाएगा।–एसएस केलदीमठ, उप निदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग, धारवाड़