पहले दिन 70 फीसदी रही बच्चों की उपस्थिति
जून के बचे पूरे दिन प्रवेश उत्सव चलेगा। एक जुलाई से समय सारिणी अनुसार पढ़ाई शुरू हो जाएगी। हालांकि पहले दिन बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत नहीं रही। शिक्षा विभाग का दावा है कि जिले भर में 70 फीसदी बच्चे ही स्कूल आए।
बालोद जिले के 19 स्कूल में नियमित शिक्षक नहीं, 106 में सिर्फ एक की नियुक्ति, प्रधान पाठक के 366 पद खाली
बच्चे करते रहे शिक्षकों का इंतजार
स्कूल सत्र के पहले दिन थोड़ी अव्यवस्था देखने को मिली। बच्चों को स्कूल सुबह 9 बजे बुलाया गया, लेकिन शहर के बाल मंदिर में बच्चे पहले आ गए थे। शिक्षक नहीं पहुंचे थे, जिससे पालक नाराज दिखाई दिए।
कहीं खीर-पूड़ी, कहीं मिठाई का वितरण
नए शिक्षण सत्र के पहले दिन कई स्कूलों में शिक्षकों व शाला प्रबंध समितियों ने बच्चों का मुंह मीठा कराया। कई स्कूलों में माध्याह्न भोजन में खीर-पूड़ी खिलाई। नवप्रवेशी बच्चों को गणवेश व पाठ्य पुस्तक वितरण किया गया।
पाररास-पड़कीभाट बायपास की मरम्मत शुरू, पत्रिका ने प्रकाशित की थी खबर
स्कूलों में रंग रोगन नहीं, टेबल कुर्सी में धूल
जिले के कई स्कूलों में रंग रोगन नहीं कराया गया, जिससे सुंदरता कम नजर आई। कई स्कूलों में कमरों की साफ-सफाई भी नहीं हुई थी। टेबल-कुर्सियां व बैंच पर जमी धूल को भी हटाने में लगे रहे। हालांकि अधिकांश स्कूलों में सफाई कर्मियों ने स्कूलों की साफ-सफाई पहले से कर ली थी।
तेज बारिश स्कूल में ही फंसे रहे बच्चे
सुबह बदली के कारण बच्चे बिना छाते व रेनकोट के स्कूल गए थे। दोपहर बाद अचानक मौसम बदला व शाम साढ़े चार बजे से तेज बारिश हुई। इसके कारण बच्चे काफी देर तक स्कूलों में ही फंसे रहे। बारिश थमने के बाद ही घर गए।
स्कूल जतन योजना के तहत 106 जर्जर भवनों में काम जारी, 42 का शुरू नहीं हुआ काम, 133 और हो गए जर्जर
इस बार विशेष तरीके से कराई जाएगी पढ़ाई
जिला शिक्षा अधिकारी बालोद पीसी मरकले ने कहा कि जिले में नए शिक्षण सत्र की शुरुआत हो चुकी है। सभी स्कूलों में पर्याप्त सुविधाएं हैं। सभी स्कूली व नवप्रवेशी बच्चों को नए शिक्षण सत्र व उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं। इस बार स्कूलों में विशेष तरीके से पढ़ाई कराई जाएगी।