नई नीति से शहर के चार हजार से अधिक दिव्यांग बच्चों को सीधा लाभ मिलेगा। नौ पेज की पॉलिसी में दिव्यांग बच्चों की ओवरऑल डेवलपमेंट से लेकर उनकी शिक्षा का पूरा खाका शामिल है। 10 जून तक लोगों को पॉलिसी ड्राफ्ट पर सुझाव देने का अवसर मिलेगा। नई नीति ने पूरे कैरीकुलम को दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई, खेल और भविष्य को भी ध्यान में रखा है। खास बात यह है कि दिव्यांग बच्चे अब सरकारी और निजी स्कूलों में सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई करेंगे और उन्हें दाखिले में छुट्टी मिलेगी।
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दिव्यांग बच्चों के लिए
शिक्षा विभाग हर चार महीने में दिव्यांग बच्चों के लिए सहयोग कैंप आयोजित करेगा, जिसका पूरा खर्च चंडीगढ़ प्रशासन उठाएगा। दिव्यांग बच्चों की यूटी प्रशासन और निजी कंपिनयां सीएसआर स्कीम के तहत सहयोग करेंगी। इसके अलावा, यूटी प्रशासन और प्राइवेट कंपनियां कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी स्कीम के तहत दिव्यांग बच्चों की मदद करेंगी। प्राइवेट स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। विशेष बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूलों का सिलेबस अलग होगा। हर क्लस्टर में शिक्षा विभाग इंटीग्रेटेड स्कूल चुनेगा।