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CBSE की सख्ती, अन्य प्रकाशकों की किताबें नहीं ले सकेंगे स्कूल

स्टुडेंट्स और अभिभावकों के लिए एक राहतभरी खबर है। NCERT व CBSE की किताबों को लेकर अब स्कूलों की मनमर्जी नहीं चलेगी। विद्यार्थियों को मूल दर पर ये पुस्तकें उपलब्ध होंगी।

Dec 27, 2018 / 03:12 pm

जमील खान

Teacher Shortage

Teacher Shortage

स्टुडेंट्स और अभिभावकों के लिए एक राहतभरी खबर है। NCERT व CBSE की किताबों को लेकर अब स्कूलों की मनमर्जी नहीं चलेगी। विद्यार्थियों को मूल दर पर ये पुस्तकें उपलब्ध होंगी। खास बात ये है कि स्कूल से ही पुस्तकें लेने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। इन्हें बाजार से भी खरीदा जा सकेगा। स्कूल अन्य किसी प्रकाशकों की किताबें उपलब्ध नहीं करवा सकेंगे। हाल ही जारी सीबीएसई बोर्ड के आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि ऐसा नहीं करने पर संबंंधित स्कूलों की मान्यता तक रद्द की जा सकती है। सीबीएसई से सम्बद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी और सीबीएसई की किताबें उपलब्ध होंगी। स्कूल केवल यही किताबें विद्यार्थियों को मुहैया कराएंगे।

इसके लिए इन्हें NCERT के पोर्टल पर पंजीयन कराने के अलावा किताबों की संख्या बतानी होगी। इसी साल अप्रेल और अगस्त सीबीएसई और एनसीईआरटी किताबों को लेकर संबंधित आदेश जारी हुए थे। इसके संदर्भ में बोर्ड ने स्थिति स्पष्ट की है। सत्र 2019-20 के तहत स्कूल लघु आउटलेट (कियोस्क) के जरिए विद्यार्थियों को सिर्फ एनसीईआरटी और सीबीएसई की किताबें मुहैया करा सकेंगे।

स्कूलों ने बाध्य किया तो होगी कार्रवाई
अभिभावक चाहें तो स्कूल या खुले बाजार से NCERT-CBSE की किताबें और अन्य सामग्री खरीद सकेंगे। स्कूलों द्वारा परिसर या किसी खास दुकान से किताबें खरीदने के लिए बाध्य किए जाने पर कार्रवाई होगी। ऐसी स्कूल को डिबार किया जाएगा।

मूल दर पर ही कराना होगा उपलब्ध
एनसीईआरटी की वेबसाइट पर पंजीयन कराने के साथ-साथ विद्यार्थियों के अनुसार किताबों की संख्या देनी होगी। स्कूल पेन, पैंसिल, रजिस्टर, कॉपी, रबर-शॉपनर जैसी सामग्री भी रख सकेंगे। स्कूलों को इन्हें मूल दर पर ही विद्यार्थियों को उपलब्ध कराना होगा। आदेश में साफ किया गया है, कि सीबीएसई-एनसीईआरटी के अलावा मनमर्जी या अन्य प्रकाशकों की किताबें उपलब्ध कराने पर रोक रहेगी। जबरन दूसरी किताबें थोपने की शिकायत पर स्कूल की मान्यता निरस्त होगी। संबंधित स्कूल के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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