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शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए सरकार अब चौथे चरण में भर्ती की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो शुरूआती आकलन के मुताबिक चौथे चरण में 50,000 से अधिक रिक्तियां आने की संभावना है। पहले से ही 21,000 से अधिक पद खाली हैं। सरकार जिलेवार रिक्तियों का आकलन कर के शिक्षकों के नए पदों के लिए वैकेंसी निकालेगी। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर विज्ञान और भाषा विषयों के लिए योग्य शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। विशेष रूप से एससी, एसटी, और दिव्यांग कोटा में भी कम योग्य उम्मीदवार परीक्षा पास करके सामने आ रहे हैं।
BPSC Teacher Vacancy: चौथे चरण में बढ़ सकती हैं वैकेंसी की संख्या
शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए सरकार अब चौथे चरण में भर्ती की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो शुरूआती आकलन के मुताबिक चौथे चरण में 50,000 से अधिक रिक्तियां आने की संभावना है। पहले से ही 21,000 से अधिक पद खाली हैं। सरकार जिलेवार रिक्तियों का आकलन कर के शिक्षकों के नए पदों के लिए वैकेंसी निकालेगी। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर विज्ञान और भाषा विषयों के लिए योग्य शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। विशेष रूप से एससी, एसटी, और दिव्यांग कोटा में भी कम योग्य उम्मीदवार परीक्षा पास करके सामने आ रहे हैं।
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विषयवार सीटों की बात करें तो बॉटनी के 485 पदों के मुकाबले केवल 566 उम्मीदवार चयनित हुए। वहीं जूलॉजी के 777 पदों के मुकाबले 625 उम्मीदवार सफल। भौतिकी के 1,961 पदों पर मात्र 441 चयनित। गणित के 1,220 रिक्तियों में 779 ही सफल हुए। अंत में रसायन शास्त्र (Chemistry) 3,742 पदों पर केवल 273 ही चयनित हो सके।
BPSC Teacher: विषयवार खाली हैं सीटें
विषयवार सीटों की बात करें तो बॉटनी के 485 पदों के मुकाबले केवल 566 उम्मीदवार चयनित हुए। वहीं जूलॉजी के 777 पदों के मुकाबले 625 उम्मीदवार सफल। भौतिकी के 1,961 पदों पर मात्र 441 चयनित। गणित के 1,220 रिक्तियों में 779 ही सफल हुए। अंत में रसायन शास्त्र (Chemistry) 3,742 पदों पर केवल 273 ही चयनित हो सके।
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BPSC के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा के अनुसार, “योग्य शिक्षकों की कमी के कारण बड़ी संख्या में पद खाली रह गए। खासकर विज्ञान विषयों में स्थिति काफी खराब है। Chemistry में सबसे अधिक रिक्तियां रह गई। जहां न्यूनतम अंकों के बावजूद केवल 273 उम्मीदवार सफल हो सके।
BPSC ने भी रखा अपना पक्ष
BPSC के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा के अनुसार, “योग्य शिक्षकों की कमी के कारण बड़ी संख्या में पद खाली रह गए। खासकर विज्ञान विषयों में स्थिति काफी खराब है। Chemistry में सबसे अधिक रिक्तियां रह गई। जहां न्यूनतम अंकों के बावजूद केवल 273 उम्मीदवार सफल हो सके।