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सरकार की इस पॉलिसी के मुताबिक अगर कोई टीचर हृदय रोग, कैंसर या किडनी की बीमारी से पीड़ित है, तो वैसे शिक्षकों को ट्रांसफर-पोस्टिंग में प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही पति-पत्नी में कोई ज्यादा बीमार रहता है तो शिक्षक पति या शिक्षक पत्नी का ट्रांसफर उसी स्कूल में हो सकता है। ताकि दोनों को बहुत ज्यादा परेशानी काम करने में न आ सके।
Bihar Teacher Transfer Policy : इन सभी को मिलेगा लाभ
सरकार की इस पॉलिसी के मुताबिक अगर कोई टीचर हृदय रोग, कैंसर या किडनी की बीमारी से पीड़ित है, तो वैसे शिक्षकों को ट्रांसफर-पोस्टिंग में प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही पति-पत्नी में कोई ज्यादा बीमार रहता है तो शिक्षक पति या शिक्षक पत्नी का ट्रांसफर उसी स्कूल में हो सकता है। ताकि दोनों को बहुत ज्यादा परेशानी काम करने में न आ सके।
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ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए जो भी शिक्षक इच्छुक हैं, उन्हें ऑनलाइन माध्यम से ई-शिक्षाकोष एप पर आवेदन करना होगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्री ने कहा है कि शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए जल्द ही आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और सीसी साल के दिसंबर तक उन्हें नए स्कूलों में तैनात किया जाएगा। लेकिन जो इच्छुक हैं उन्हीं का ट्रांसफर-पोस्टिंग किया जाएगा। हर पांच साल में ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया की जाएगी।
Bihar Teacher Transfer Policy : ऑनलाइन करना होगा आवेदन
ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए जो भी शिक्षक इच्छुक हैं, उन्हें ऑनलाइन माध्यम से ई-शिक्षाकोष एप पर आवेदन करना होगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्री ने कहा है कि शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए जल्द ही आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और सीसी साल के दिसंबर तक उन्हें नए स्कूलों में तैनात किया जाएगा। लेकिन जो इच्छुक हैं उन्हीं का ट्रांसफर-पोस्टिंग किया जाएगा। हर पांच साल में ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया की जाएगी।
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इन सब के अलावा यह नियम भी तय किया गया है कि नियमित शिक्षक, बीपीएससी या साक्षमता परीक्षा पास शिक्षक ट्रांसफर के लिए आवेदन नहीं देते हैं तो अपने मूल विद्यालय में ही बने रहेंगे। उन शिक्षकों का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने पर विभाग विचार करेगा। ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए 10 विकल्प दिए जाएंगे साथ ही इस बात की कोशिश की जाएगी कि शिक्षक के अनुमंडल या जिले के नजदीक वाले इलाके में रखा जाए। इसके अलावा और भी जानकारी लेने के लिए शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी ली जा सकती है।
Bihar Teacher Transfer Policy : नजदीक इलाके में रखने की होगी कोशिश
इन सब के अलावा यह नियम भी तय किया गया है कि नियमित शिक्षक, बीपीएससी या साक्षमता परीक्षा पास शिक्षक ट्रांसफर के लिए आवेदन नहीं देते हैं तो अपने मूल विद्यालय में ही बने रहेंगे। उन शिक्षकों का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने पर विभाग विचार करेगा। ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए 10 विकल्प दिए जाएंगे साथ ही इस बात की कोशिश की जाएगी कि शिक्षक के अनुमंडल या जिले के नजदीक वाले इलाके में रखा जाए। इसके अलावा और भी जानकारी लेने के लिए शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी ली जा सकती है।