ये अभ्यर्थी शिक्षक की नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। अब इन्हें शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए दोबारा TET या STET की परीक्षा पास करनी पड़ेगी। 2011 में आयोजित हुई परीक्षा में 2 लाख 50 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे। इसके बाद पांच बार नियोजन प्रक्रिया हो चुकी है लेकिन इन 20 हजार अभ्यर्थियों का नियोजन नहीं हो पाया है।
छठी बार शिक्षकों के नियोजन के लिए 2017 में प्रक्रिया शुरू हुई पर लेकिन बाद में नियोजन प्रक्रिया रद्द कर दी गई। सीबीएसई सीटीईटी की परीक्षा हर साल लेता है लेकिन बिहार में 2011 में ही एसटीईटी का आयोजन हुआ था। 2011 के बाद 2017 में टीईटी की परीक्षा हुई थी लेकिन एसटीईटी का आयोजन अब तक नहीं हो सका।
इस बारे में TET-STET के अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक ने कहा, प्रमाणपत्र रद्द होने से 20 हजार अभ्यर्थी अब सड़क पर आ गए हैं। इन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र की मान्यता समाप्त होने से इन्हें बड़ा झटका लगा है। गई है। अब इन अभ्यर्थियों का नियोजन नहीं हो पाएगा। ऐसे में
अतिथि शिक्षक के बदले इन अभ्यर्थियों को मौका दिया जाना चाहिए।
Bihar board result 2018: बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट 2018 की मेरिट सूची में कोई गलत या फर्जी छात्र शामिल न हो जाए, इसके लिए बिहार बोर्ड फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है। रिजल्ट से पहले होनहारों का फिजिकल वेरिफिकेशन शुक्रवार से शुरू कर दिया गया है। पहले दिन लगभग 100 छात्रों को बुलाया गया। इनमें छपरा, नवादा, गया, दरभंगा, जमुई, पटना आदि जिलों के विभिन्न स्कूल और कॉलेजों के होनहार शामिल हैं।