नए संशोधन से छात्रों के स्किल्स को मिलेगा बढ़ावा
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में प्रत्येक विषयों के कुल अंक को 100 से घटाकर 80 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं छात्रों को असिस्मेंट, प्रैक्टिकल परीक्षा और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर 20 अंक दिए जाएंगे। बोर्ड द्वारा ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि छात्रों की रटने की आदत कम हो और योग्यता आधारित सवालों (Competency Based Questions) को बढ़ावा मिले। साथ ही छात्रों की क्रिटिकल थिकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स को बढ़ावा मिलेगा। सीबीएसई बोर्ड एग्जाम पैटर्न (CBSE Exam Pattern)
नए संशोधन के अनुसार, सीबीएसई बोर्ड परीक्षा (CBSE Board Exam) में एमसीक्यू, केस-बेस्ड और सोर्स बेस्ड सवालों को बढ़ाया जाएगा। वहीं कंपीटेंसी बेस्ड सवालों का प्रतिशत अब 40 से बढ़ाकर 50 तक कर दिया जाएगा। शॉर्ट और लॉन्ग आंसर वाले सवालों को 40 से 30 प्रतिशत कम कर दिया गया है। अब तक छात्र पारंपरिक तरीके से और किताबों से रटकर बोर्ड परीक्षा के लिए तैयारी करते थे। ऐसे में उन छात्रों के लिए सीबीएसई बोर्ड के संशोधित फॉरमेट काफी अलग होंगे।
सीबीएसई का क्या है कहना (CBSE Exam Pattern)
बोर्ड परीक्षा के पैटर्न और मार्किंग स्कीम (CBSE Board Exam Pattern And Marking Scheme) में बदलाव को लेकर सीबीएसई का कहना है कि इससे छात्रों पर काफी फर्क पड़ेगा। छात्र परीक्षा के करीब आने पर पढ़ने की बजाय साल भर पढ़ाई पर फोकस करेंगे। छात्रों की समझ बेहतर होगी। कंपीटेंसी बेस्ड सवालों के बेढ़ने से छात्रों को अपनी रेगुलर पढ़ाई में प्रैक्टिकल स्किल का इस्तेमाल करन में मदद मिलेगी।