शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) का कहना है कि पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव बच्चों में देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण और साहस- बलिदान के मूल्यों को विकसित करने और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है।
यह भी पढ़ें
DUSU Election: कौन है ये ‘मटका मैन’…DU से कर रहा लॉ की पढ़ाई, NSUI ने दिया टिकट
कौन थे वीर अब्दुल हमीद?
‘वीर अब्दुल हमीद’ अध्याय में 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की वीरता की कहानी है। उन्हें मरणोपरांत देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। यह भी पढ़ें
सिर्फ बहादुरी ही नहीं खूबसूरती के लिए भी जानी जाती हैं ‘लेडी सिंघम’, IPS बनने से पहले हो गई थी शादी
वहीं छठी कक्षा की किताब में ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ (NWM) के बारे में पढ़ाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय NWM को एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्मारक के रूप में स्थापित करने के लिए काम कर रहा है। इसी के तहत शिक्षा मंत्रालय ने NWM को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला लिया है।हड़प्पा सभ्यता का नाम बदला (NCERT Books)
इसके अलावा एनसीईआरटी (NCERT Books) की समाजिक विज्ञान की नई किताबों में भी कई बदलाव किए गए हैं। हड़प्पा सभ्यता को अब ‘सिंधु-सरस्वती’ और ‘इंडस-सरस्वती’ के रूप में जाना जाएगा। सरस्वती नदी का कई जगहों पर उल्लेख मिलेगा, जिसमें एक जगह ये भी बताया जाएगा कि हड़प्पा सभ्यता के पतन का एक कारण इस नदी का सूखना भी था। साथ ही किताब में बताया जाएगा कि भारत की अपनी ‘प्रधान मध्याह्न रेखा’ हुआ करती थी जिस ‘उज्जयिनी मध्याह्न रेखा’ कहा जाता है।