जब कभी भी कोई समाज मार्गविहीन, भ्रमित और राजनीति में भ्रष्ट होने लगता है तो उस समय लेखक अपनी लेखन कला का प्रयोग कर उस समाज को नया मार्ग उपलब्ध कराता है। 19वीं शताब्दी में जब भारत में (Independence Day Of India) स्वतंत्रता के स्वर उठने लगे तो रवींद्रनाथ टैगोर, बाल गंगाधर तिलक, बकिंम चंद्र चर्टजी, महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसे कुछ प्रसिद्ध लेखकों ने इसे अपनी रचनाओं के माध्यम से सही दिशा प्रदान की।
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इस किताब में सन 1757 से लेकर 1857 तक के असंख्य भारतीय फिर चाहे वो मराठे हो या सिख, उनके संघर्ष की कहानी है। साथ ही इस किताब की मदद से आप भारत के इतिहास से परिचित हो पाएंगे। इस पुस्तक के लेखक सुरेश पटवा हैं।1931 देश या प्रेम
इस 15 अगस्त सत्य व्यास की लिखी ये किताब 1931 देश या प्रेम जरूर पढ़ें। उपन्यास की शैली में लिखी इस किताब की आधारभूमि बंगाल के क्रांतिकारी बिमल दास गुप्त का उत्साही देशभक्त जीवन है। बर्तानिया हुकूमत उन्हें फीनिक्स कहते हैं, जिसका अर्थ है जो कभी नहीं मरता है। इस पुस्तक में देश प्रेम के पीछे का वह त्याग दिखता है, जिसके लिए घर, प्रतिष्ठता, प्रेम, परिवार सब कुर्बान है। यह 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अमर क्रांतिकारी गुट को आधार बनाकर रचा गया यह एक शक्तिशाली और मनोरम उपन्यास है। यह भी पढ़ें