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उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज के प्राचार्य को पुरस्कार पर रोक

मंत्री ने कहा, जब हमें बुधवार को इस मुद्दे के बारे में पता चला, तो हमने पुरस्कार को रोकने का फैसला किया। हमें मामले को स्पष्ट करने की आवश्यकता है और स्पष्टीकरण मिलने के बाद हम आगे की जानकारी साझा करेंगे।

बैंगलोरSep 06, 2024 / 08:42 pm

Nikhil Kumar

-हिजाब विवाद

उडुपी Udupi स्थित सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रिंसिपल बी.जी. रामकृष्ण B.G. Ramakrishna को गुरुवार को शिक्षक दिवस पुरस्कार Teachers Day Awards से वंचित रहना पड़ा। सरकार ने पुरस्कार को फिलहाल टाल दिया है। हालांकि, इसे वापस नहीं लिया गया है। हिजाब को लेकर शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में यह कॉलेज विवादों में रहा था। कॉलेज प्रशासन ने हिजाब Hijab पहनने वाली छात्राओं को कॉलेज परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया था।
प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने गुरुवार को पुरस्कार रोके जाने की पुष्टि करते हुए मीडिया को बताया कि शिक्षक दिवस पुरस्कार के लिए कई शिक्षक आवेदन करते हैं। आमतौर पर एक जिला समिति आवेदकों की सूची में से एक विशेष नाम चुनती है। लेकिन, समिति ने इस हिजाब विवाद के मुद्दे को नजरअंदाज किया।
मंत्री ने कहा, जब हमें बुधवार को इस मुद्दे के बारे में पता चला, तो हमने पुरस्कार को रोकने का फैसला किया। हमें मामले को स्पष्ट करने की आवश्यकता है और स्पष्टीकरण मिलने के बाद हम आगे की जानकारी साझा करेंगे। मैंने समिति से फिर से जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
राजनीतिक मुद्दा न बनाएं

मंत्री ने जोर देकर कहा कि पुरस्कार के लिए प्रिंसिपल का चयन करने से पहले समिति को सभी बातों की जांच कर लेनी चाहिए थी। यह बच्चों के साथ व्यवहार का मुद्दा है। यह प्रतिशोधात्मक नहीं है। कृपया इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाएं।
एसडीपीआइ ने किया विरोध

इस बीच, प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआइ) ने भी रामकृष्ण को पुरस्कार दिए जाने पर चिंता व्यक्त की है और आरोप लगाया है कि वह कर्नाटक में पिछली भाजपा नीत सरकार के कार्यकाल के दौरान सांप्रदायिक गतिविधियों में शामिल थे।
लगाए गंभीर आरोप

एसडीपीआइ, कर्नाटक के महासचिव अफसर कोडलीपेट ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, दो साल पहले हिजाब विवाद के दौरान रामकृष्ण ने महिला छात्राओं को गेट पर रोक दिया था और परोक्ष रूप से हिंदू छात्राओं को उनके खिलाफ भड़काया था, जिससे राज्य में सांप्रदायिक अशांति फैल गई थी। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार अब उन्हें राज्य स्तरीय सम्मान दे रही है।
क्यों नामित किया

एसडीपीआइ दक्षिण कन्नड़ के अध्यक्ष अनवर एस. बी. ने ‘एक्स’ पर सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा, जिस प्रिंसिपल ने मुस्लिम छात्रों को हिजाब पहनने के लिए महीनों तक धूप में बाहर खड़ा रखा, उसे प्रिंसिपल होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने पूछा कि कांग्रेस सरकार ने उन्हें राज्य पुरस्कार के लिए क्यों नामित किया है।

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