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मानव जीवन की तलाश पर जोर दरअसल, वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष मिशनों में मिली सफलता के बाद एस्ट्रोबायोलॉजी का क्षेत्र युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरकर सामने आया है। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों की जरूरत जीव विज्ञानियों, रसायनज्ञों, खगोलविदों और इंजीनियरों को होती है। ताकि वो खोज के ऐसे क्षेत्र में आधिकारिक दिशा में आगे बढ़ सकें जिनका मकसद ब्रह्मांड में जीवन संभव है या नहीं, का जवाब मिल सके। दरअसल, एस्ट्रोबायोलॉजी एक अनूठा क्षेत्र है जो मौलिक अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, शिक्षा और वैज्ञानिक संचार सबसे आकर्षक क्षेत्र के रूप में उभरकर सामने आया है। भारत में कई सरकारी क्षेत्र में कई ऐसे अनुसंधान संस्थान हैं जहां एक संभावित खगोल जीव विज्ञान स्नातक जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, अंतरिक्ष विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत राज्य और केंद्र सरकार की प्रयोगशालाओं में पूर्णकालिक पदों को हासिल कर खुद का भविष्य बेहतर बना सकते हैं।
इस क्षेत्र में नासा और इसरो की पकड़ मजबूत एस्ट्रोबायोलॉजी वह विज्ञान है जो जीवन की उत्पत्ति के बारे में उन तीखे सवालों का जवाब देने में मदद करेगा, जिसके बारे में लोग अभी कल्पना तक नहीं कर पा रहे हैं। मानव विकास के इतिहास में यह अगला बड़ा वैज्ञानिक अनुशासन होगा। करियर के लिहाज से भी यह उम्दा क्षेत्र है। वर्तमान में एस्ट्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में नासा, इसरो, रोस्कोस्मोस जैसी अंतरिक्ष एजेंसियों का प्रमुख प्रभुत्व है, जिन्होंने बाहरी अंतरिक्ष में कई मिशनों को उड़ाया है और अगले दशक में अन्य दुनिया की और खोज की जाएगी।
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