बहुत से राज्यों ने प्रवेश को लेकर एआईसीटीई से निवेदन किया था। उन्होंने काउंसिल से अंतिम तिथि को बदलने के बारे में विचार करने के लिए कहा था। इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन से यहां तात्पर्य यूजी, यूजी लैट्रल, डिप्लोमा, डिप्लोमा लैट्रल और पीजी के पाठ्यक्रम से है। यह भी ध्यान रहे कि यह तारीखें केवल उन राज्यों के लिए रिवाइज की गई हैं जहां कोविड-19 के कारण सीईटी रिजल्ट घोषित होने में देरी हुई है।
सर्कुलर की बात करें तो उसमें कहा गया है, इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दी गई है, केवल उन मामलों में जहां राज्य के सीईटी में देरी के कारण काउंसलिंग और प्रवेश शुरू नहीं हुआ था या जहां काउंसलिंग अभी तक नहीं बढ़ी है, वहां कक्षाएं शुरू नहीं हुई थीं।
कक्षाएं शुरू होने से काउंसिल का मतलब लैट्रल एंटी एडमिशंस से है। लैट्रल एंट्री केवल वही हो सकती है जहां क्लासेस अभी शुरू नहीं हुई हैं या जहां क्लासेस शुरू हुए 15 दिन से ज्यादा नहीं हुआ है। अगर यह समय-सीमा क्रॉस हो चुकी है तो ऐसे कॉलेजेस में लैट्रल एंट्री नहीं हो सकती। इस घोषणा का सबसे अधिक असर बाकी राज्यों के अलावा महाराष्ट्र पर काफी सकारात्मक रूप से पड़ेगा जहां अभी कुछ दिनों पहले ही सीईटी रिजल्ट घोषित हुआ है।