एवरी फाउंडेशन की डायरेक्टर (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व) जेनेट सैनडोवल ने कहा कि यह छात्रवृत्ति यूनिवर्सिटी के छात्रों को बदलाव के दूत बनने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा, इससे छात्रों में नवाचार और उद्यमिता के प्रति रुझान पैदा होगा और वे रचनात्मक सोच से आपसी मेलजोल से नवाचारी कार्यो में रुचि लेंगे। सैनडोवल ने कहा, हम भारत में ऐसे छात्रों को यह छात्रवृत्ति प्रदान कर गर्व महसूस कर रहे हैं जिनमें काफी प्रतिभा है और वे अपने नवाचारी संकल्पनाओं से देश और दुनिया में कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।”
छात्रवृत्ति पुरस्कार प्राप्त करन वाले छात्रों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी), वाराणसी के सद्दालगरी राघवेंद्र, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बंबई के आदित्य खन्ना, एम.एस. रमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी, बेंगलुरु के अश्विज और हेमा चौधरी जलादी, के कृति वेंकट प्रणय और रूपा राघवन, एमकेएसएसएस कमिंस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग फॉर वमून के चैतन्यसुमा जैन, छविका कुलकर्णी एवं मृणाल तांबे और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी, तिरुचिरापल्ली के शिवांग सिंह शामिल हैं।
जेनेट ने कहा, दुनियाभर में नवोन्मेषी और मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं। भारत में पिछले सात साल में 70 छात्रों ने हमारी इस पहल का लाभ उठाया है। उन्होंने कहा कि इस छात्रवृति के लिए आवेदन करने के बाद छात्रों को कई स्तरों पर अपनी मेधा और नवाचारी विचारों को प्रदर्शित करने का मौका दिया जाता है। उनकी प्रस्तुति और प्रदर्शन के आधार पर चयन समिति विजेताओं का चयन करती है।