थोक महंगाई दर में आई गिरावट
आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार जुलाई 2017 के बाद जून 2019 में थोक महंगाई दर में इतनी गिरावट देखी गई है। लगभग 22 महीने के बाद थोक मुद्रास्फीति का यह सबसे निचला स्तर है। जुलाई 2017 में इसकी दर मात्र 1.88 फीसदी थी। अप्रैल 2019 में यह 3.07 फीसदी रही, जबकि मई 2018 में यह 4.78 फीसदी थी।
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आलू भी हुआ सस्ता
फूड आर्टिकिल्स आधारित महंगाई मामूली कमी के साथ 6.98 फीसदी रही। जबकि मई में यह आंकड़ा 6.99 फीसदी था। जून महीने में सब्जियों के दाम में भी गिरावट आई है, जिसका सीधा फायदा देश की आम जनता को मिलेगा। जून में सब्जियों की महंगाई घटकर 24.76 फीसदी रह गई है, जबकि पिछले महीने यानी मई में यह 33.15 फीसदी रही थी। सब्जियों में अगर आलू की बात करें तो इसमें 24.27 फीसदी की कमी देखी गई है।
ब्याज दरें कम करने से पहले देखी जाते हैं WPI के आंकड़ें
भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) अपनी मौद्रिक नीति को तय करने में खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी गौर करता है। 6 जून को जारी मौद्रिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की थी। वहीं, अगस्त में एक बार फिर आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा की बैठक की जाएगी। इस बैठक में ब्याज दरों को बढ़ाने घटाने के लिए सरकार थोक महंगाई दर की आंकड़ों पर भी नजर डालती है।
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प्याज के दामों में हुई बढ़ोतरी
इसके अलावा अगर हम प्याज के दामों की बात करें तो प्याज की कीमतों में इस महीने बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसकी मुद्रास्फीति की दर 15.89 फीसदी रही। सब्जियों की थोक मुद्रास्फीति इस दौरान नरम पड़कर 33.15 फीसदी रही जबकि अप्रैल में यह 40.65 फीसदी थी।
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