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कई चुनौतियों का करना होगा सामना
विश्व बैंक के अध्यक्ष के अनुसार जिस तेजी के साथ यह संकट बढ़ रहा है, इसका समाधान निकालने के लिए उतनी ही चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। दुनिया भर पॉलिसी मेकर्स को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया भर की उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी आबादी के लिए उपयुक्र्त कदम उठाना काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा। इन देशों में सबसे ज्यादा आबादी उस वर्कफोर्स की है जो असंगठित क्षेत्र में काम करती है।
इन सेक्टर्स को होगा सबसे ज्यादा नुकसान
वल्र्ड बैंक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस के कारण डिमांड-सप्लाई और ट्रेड-फाइनेंस को भारी नुकसान के कारण विकसित देशों में 2020 में 7 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के कारण ऐसे देशों को सबसे ज्यादा पड़ी है जो ग्लोबल ट्रेड, टूरिज्म, कमोडिटी एक्सपोर्ट और एक्सटर्नल फाइनेसिंग पर सबसे ज्यादा निर्भर हैं। वहीं दुनिया के अलग-अलग सेक्टर्स में कोरोना की वजह से अलग-अलग तरीके से मार पड़ेगी, जिसकी चोट लंबे समय लंबे समय तक देखने को मिल सकती है।
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बेहद खराब रहने वाले हैं आंकड़े
अगर बात मौजूदा समय की करें तो कोरोना वायरस की वजह से आई मंदी के कारण ग्लोबल पर कैपिटा ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट में 6.2 फीसदी की गिरावट देखने को मिलेगी जो 1945-46 की सबसे बड़ी मंदी बना देगी। मौजूदा अनुमानों के अनुसार 2020 में दुनिया के तमाम बड़ी इकोनॉमी को एनुअल पर कैपिटा जीडीपी में 1870 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ेगा। दुनिया के 90 फीसदी इकोनॉमीज कोरोना के कारण आई इस मंदी से गुजरना होगा।