क्यों बढ़ रहे हैं दाम ज्यादा बारिश के चलते सब्जियों की सप्लाई पर असर पड़ा है। दिल्ली के कारोबारी बाबूलाल पारिख के मुताबिक हर साल कीमतें इतनी ज्यादा नहीं होती हैं लेकिन इस बार ज्यादा बारिश की वजह से सब्जियां इतनी महंगी हुई है और सारा गणित बिगड़ गया है। हालांकि पहले के मुकाबले सप्लाई में सुधार हो रहा है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि 15-20 दिनों में कीमतों पर लगाम लग सकता है।
कौन सी सब्जी कितनी महंगी
पिछले साल नवंबर में जब नोटबंदी की घोषणा की गई थी तो सब्जियों के दाम में अचानक बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। किसानों को सही मूल्य न मिलने के चलते अपनी सब्जियों को सड़कों पर फेकना पड़ा था। पिछले साल जो केवल 7 रुपए किलो था वो आज बढ़कर 20 रुपए पर जा पहुंची है। बाकि सब्जियों का भी कमोवेश यही हाल है। सालाना आधार पर देखा जाए सब्जियां 214 फीसदी तक महंगी हो चुकी हैं।
पिछले साल नवंबर में जब नोटबंदी की घोषणा की गई थी तो सब्जियों के दाम में अचानक बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। किसानों को सही मूल्य न मिलने के चलते अपनी सब्जियों को सड़कों पर फेकना पड़ा था। पिछले साल जो केवल 7 रुपए किलो था वो आज बढ़कर 20 रुपए पर जा पहुंची है। बाकि सब्जियों का भी कमोवेश यही हाल है। सालाना आधार पर देखा जाए सब्जियां 214 फीसदी तक महंगी हो चुकी हैं।
ज्यादा पैदावार से मिलेगी राहत
इस साल प्याज की पैदावार ज्यादा हुई है। नवंबर के दौरान आवक भी बढ़ी है जिससे आने वाले दिनों में थोक बाजार में दाम में कमी आने की उम्मीद की जा रही है। जिसके चलते रिटेल मार्केट में भी इसकी कीमतों में नरमी आ सकती है। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की आवक की बात करें तो नवंबर में 28 नवंबर तक मासिक आवक 2.27 लाख क्विंटल रही है जबकि पिछले साल नवंबर में कुल आवक 1.57 लाख क्विंटल दर्ज की गई थी। इसका मतलब साफ है कि अगर आवक ज्यादा रही है तो अगले एक महीने में कीमतें घटती हुई नजर आएंगी।
इस साल प्याज की पैदावार ज्यादा हुई है। नवंबर के दौरान आवक भी बढ़ी है जिससे आने वाले दिनों में थोक बाजार में दाम में कमी आने की उम्मीद की जा रही है। जिसके चलते रिटेल मार्केट में भी इसकी कीमतों में नरमी आ सकती है। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की आवक की बात करें तो नवंबर में 28 नवंबर तक मासिक आवक 2.27 लाख क्विंटल रही है जबकि पिछले साल नवंबर में कुल आवक 1.57 लाख क्विंटल दर्ज की गई थी। इसका मतलब साफ है कि अगर आवक ज्यादा रही है तो अगले एक महीने में कीमतें घटती हुई नजर आएंगी।